बैरिया विधानसभा के दर्जनों गांव कि सड़को का खस्ता हालत

बैरिया विधानसभा के दर्जनों गांव कि सड़को का खस्ता हालत

दोआबा क्षेत्र के विधायक के गांव में मिलेगा सिर्फ सड़क बैरिया विधानसभा क्षेत्र के कई दर्जन गांव में शुद्ध सही सलामत सड़को का कई वर्षों से अभाव व्याप्त है फिर भी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को समस्या, समस्या की तरह दिखती ही नहीं है. चुनाव के समय लंबे लंबे प्रलोभन देकर जो भी जनप्रतिनिधि जीतकर आता

दोआबा क्षेत्र के विधायक के गांव में मिलेगा सिर्फ सड़क

बैरिया विधानसभा क्षेत्र के कई दर्जन गांव  में शुद्ध सही सलामत सड़को का कई वर्षों से अभाव व्याप्त है फिर भी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को समस्या, समस्या की तरह दिखती ही नहीं है. चुनाव के समय लंबे लंबे प्रलोभन देकर जो भी जनप्रतिनिधि जीतकर आता है अगले 5 वर्षों के लिए अपनी जनता को मानो वो जानता ही नहीं है और ना ही उनकी समस्याओं को. वर्तमान समय में प्रदेश में भाजपा योगी की सरकार है जिस वक्त योगी ने राजधानी लखनऊ के मंच से मुख्यमंत्री का शपथ लिया था शायद उस वक्त जनता में जनता और उनकी समस्याओं का मानो चुटकी बजाते समाधान होने की बात हुआ करती थी. पांच वर्षो का कार्यकाल लगभग कुछ दिनों में बीतने वाला या हम कह सकते हैं कि आधे से अधिक का समय बीत चुका है. वैसे भी प्रदेश में करोना एक ऐसा बहाना बन चुका है कि जो भी कार्यकाल बचा हुआ है वह भी इसी बहाने में इति श्री होने वाला है. शायद योगीजी के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों  को यह लगता होगा कि कोरोना की वजह से जनता ही नहीं बचेगी तो उनकी समस्याओं को क्यों ध्यान देना है ?  

खैर ! हम बात कर रहे थे उत्तर प्रदेश के बलिया जिला कि जहां से कई विधायक और मंत्री योगी भाजपा सरकार से वर्तमान समय में जुड़े हुए हैं. इसी जिले के बैरिया विधानसभा क्षेत्र जो क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों की भूमि और दो नदियों के बीच की ऋषि मुनियों की तपोभूमि दोआबा किसी परिचय की मोहताज तो शायद नहीं है. यहां की जनता अपने बागी तेवरो के लिए जानी पहचानी जाती है लेकिन वर्तमान समय में क्षेत्र के विकास की बात करें तो हालत बद से बदतर होती जा रही है. यहां की जनता की समस्या तो कई हैं लेकिन मुख्य समस्या जो यहां के विकास को अवरुद्ध करते जा रही है वह मुख्य सड़क मार्ग से लेकर गांव में जाने वाली सड़कों से है. एक तरफ जहां भाग दौड़ की जिंदगी में यातायात के साधन तो बढ़ते चले गए. लेकिन वह साधन साल 2 साल में ही अपने खट्टारेपन को छुपा नहीं पाते हैं. दर्जनों ऐसे गांव है जहां जाने के लिए और खासकर बरसात के मौसम में आपको हर वो मशक्कत झेलनी पड़ेगी जिसकी कल्पना शायद आप कभी नहीं किए होंगे.

मुख्य सड़क मार्ग का हाल


बलिया से माझी को जाने वाली मुख्य सड़क का हाल आप देखकर यह अंदाजा लगा सकते हैं कि क्षेत्र के विकास में जनप्रतिनिधि कितने कर्मठता दिखा रखे है जनता चाहे सड़क में डूबकर जाए या तैर के उससे योगी के जनप्रतिनिधियों को कोई मतलब नहीं है. बेलहरी से लेकर माझी पूल तक सड़क पिछले कई सालों से अपनी अस्मत को बचाने में लगी हुई है. लेकिन योगी के जनप्रतिनिधि चीर हरण करने से बाज नहीं आ रहे हैं. खुले शब्दों में यह कह ले की अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता इस कहावत को चरितार्थ करने से इन जनप्रतिनिधियों को कोई रोक नहीं सकता.


गांव में जाने वाली सड़को का हाल


मुख्य सड़क मार्ग तो लाइलाज सड़क मार्ग बन चुका है उसके साथ ही किसानों के भारत में खेतीहर किसानों को चलने वाले सड़को का हाल यानी जिस रास्ते किसान खाद बीज लेकर अपने गांव में जाते हैं वहां भी घुटने भर कीचड़ पानी का सामना करते हुए जाना पड़ता है बैरिया विधानसभा क्षेत्र के गांव की बात कर ली जाए तो वहां की स्थिति और भी दयनीए है. हमारी टीम इसी विधानसभा क्षेत्र के श्रीपालपुर गांव पहुंची जहां भूआल छपरा चट्टी से लेकर पूर्व प्रधान के घर तक जाने में हर वह मशक्कत करनी पड़ी जिसको हम बयां नहीं कर सकते. हां लेकिन क्षेत्र के विधायक के दरवाजे तक पहुंचने के लिए या उनके गांव में जाने के लिए सड़कों की पूरी मरम्मत या यूं कह ले कि नए सिरे से ही निर्माण कार्य हो रखा है. शायद यही वह वजह होगी जिसकी वजह से भाजपा नेता को हर ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों का मरम्मत दिन के उजाले में नजर आता होगा.
बाजारो की हालत


इस विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ो गांव मुख्य रुप से दो बाजार और उनके सड़कों से जुड़े हुए हैं एक तो बैरिया बाजार जो इस विधानसभा क्षेत्र का मुख्य अड्डा बताया जाता है और दूसरा लालगंज बाजार जहां जाने के लिए बरसात के मौसम में आपको डूब के और तैर कर जाना होगा बाकी के मौसम में आप घुटने भर गड्ढे में सिर के बल चलकर जा सकते हैं अब आप अंदाजा खुद ही लगा सकते हैं कि इन क्षेत्रों का विकास यहां के नेता एड़ी चोटी का जोर लगाकर करवा रहे हैं. 


क्षेत्र की समस्या के नाम पर जनप्रतिनिधियों की आवाज


बैरिया विधानसभा क्षेत्र में जनता की समस्या के नाम पर दर्जनों समस्या एक तरफ बाकी जनता को गुमराह करने के लिए सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की रोटियां सेकने वाली मुद्दे इस क्षेत्र में हमेशा ही सर उठाएं खड़े रहते हैं. जिससे एक दूसरे पर अपने ही पार्टी में आरोप प्रत्यारोप निरंतर बना रहे और लोगों की समस्याओं के नाम पर जनप्रतिनिधियों का चेहरा मीडिया सुर्खियां बटोरने में बना रहता  है. जब भी जनता अपनी समस्याओं को बुलंद करने की कोशिश करती है तब तक समस्या धर्म के नाम पर बदल जाती है सड़क बिजली पानी चौक चौराहों के विकास सड़क किनारे रोड लाइट खेती किसानी के लिए खाद बीज आवास शौचालय गांव में नालियों की व्यवस्था हर घर को रास्ते से जोड़ने के लिए इंटर लॉकिंग और खड़नजे की व्यवस्था बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ठोकर और बांध की मजबूती की व्यवस्था जैसी तमाम जनता की समस्या ज्यों के त्यों बनी रहती है अगर फिर भी विकास और समस्या के मुद्दे पर जब बात होने लगता है तो मोदी और योगी के नाम पर देश प्रदेश में काम गिनवाना शुरु कर दिया जाता है. मतलब क्षेत्र के विकास में योगी और मोदी ही है तो आप क्या करेंगे साहब. उनके गुणगान पर कब तक  मुद्दे को भटकाने की कोशिश और उससे भी ना बन पाया तो एक्का दुका लोगों के मुद्दों को उछाल कर धरना प्रदर्शन करवा दिया जाता है. बाकी के हजारों लोगों की समस्याओं को उस धरना प्रदर्शन में दबवा देने में अपनी महानता बताई जाने लगती है.

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