Central Employees: सरकारी कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, 15 दिसंबर से बदल रहा ये नियम
Central Employees: ईसीएचएस (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) ने इलाज की दरों में बड़ा बदलाव करते हुए अब केंद्र सरकार की CGHS दरों के नए पैकेज को अपनाने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 3 अक्टूबर 2025 को जारी अधिसूचना के बाद ये नई दरें 15 दिसंबर 2025 से पूरे देश में लागू होंगी।
नई दरों में सबसे प्रमुख परिवर्तन अस्पतालों की गुणवत्ता और शहर की श्रेणी के आधार पर किया गया है। जिन अस्पतालों के पास NABH या NABL जैसी मान्यता नहीं है, उन्हें अब 15% कम भुगतान मिलेगा। इसके विपरीत सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को NABH की सामान्य दरों से 15% अधिक भुगतान किया जाएगा। इसी तरह शहरों को X (टियर-1), Y (टियर-2) और Z (टियर-3) कैटेगरी में बांटा गया है। Y शहरों की दरें X शहरों से 10% कम होंगी, जबकि Z शहरों की दरें 20% कम तय की गई हैं। उत्तर-पूर्व, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को Y श्रेणी के शहरों के बराबर माना गया है, जिससे वहां के लाभार्थियों पर आर्थिक बोझ कम होगा।
वार्ड श्रेणी के आधार पर भी दरों में अंतर रखा गया है। नई पैकेज दरें सेमी-प्राइवेट वार्ड को आधार मानकर तय की गई हैं। यदि कोई मरीज जनरल वार्ड का हकदार है, तो उसकी दर में 5% की कमी लागू होगी। वहीं प्राइवेट वार्ड वाले मरीजों के लिए दरें 5% बढ़ जाएंगी। हालांकि OPD कंसल्टेशन, रेडियोथेरेपी, डे-केयर प्रक्रियाएं, पैथोलॉजी और अन्य डायग्नोस्टिक सेवाओं की कीमतें सभी वार्ड कैटेगरी में एक समान रहेंगी। कैंसर मरीजों के लिए सर्जरी की पुरानी CGHS दरें लागू रहेंगी, जबकि कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और जांच पर नई दरें लागू की जाएंगी।
ECHS ने दरों की गणना का फॉर्मूला भी स्पष्ट कर दिया है। यदि किसी पैकेज की बेसिक कीमत A है, तो जनरल वार्ड की दर A–5%, सेमी प्राइवेट की A और प्राइवेट वार्ड की A+5% होगी। अस्पताल मरीज के ECHS कार्ड पर दर्ज वार्ड एंटाइटलमेंट के आधार पर ही अंतिम बिल तैयार करेंगे। यह नया सिस्टम बिलिंग को पारदर्शी बनाएगा और पैनल अस्पतालों के बीच दरों की एकरूपता सुनिश्चित करेगा।
ECHS देशभर के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है, जो मिलिट्री अस्पतालों, पॉलीक्लिनिक और प्राइवेट पैनल अस्पतालों के माध्यम से कैशलेस और किफायती उपचार उपलब्ध कराती है। नई CGHS दरों को अपनाए जाने से मेडिकल सेवाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और सुविधा में उल्लेखनीय सुधार होगा।

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