ग्राम पंचायत सेमरहवा में प्राचीन कुआँ जर्जर, मरम्मत के लिए वर्षों से गुहार — प्रशासन बेपरवाह

ग्राम पंचायत सेमरहवा में प्राचीन कुआँ जर्जर, मरम्मत के लिए वर्षों से गुहार — प्रशासन बेपरवाह

बलरामपुर- ग्राम पंचायत सेमरहवा, विकासखंड पचपेड़वा में स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पास का वर्षों पुराना कुआँ अब जर्जर स्थिति में पहुँच चुका है। यह कुआँ अनुसूचित जनजाति समुदाय की आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले दर्जनों परिवारों के लिए पीने के शुद्ध जल का एकमात्र स्रोत है। इसके अलावा ग्रामीण इसी कुएँ के पानी से अपने मवेशियों की जलापूर्ति भी करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुएँ की दीवारें टूट चुकी हैं, पटरी जर्जर है और बारिश के मौसम में इसमें कीचड़, गंदगी व बाहरी जल मिलकर इसे पूरी तरह दूषित कर देते हैं। इससे ग्रामीणों को स्वच्छ पानी मिलना कठिन हो गया है।
 
अनुसूचित जनजाति समुदाय का आरोप है कि वे कई वर्षों से कुएँ के जीर्णोद्धार के लिए ग्राम पंचायत से लेकर विकासखंड और जिला अधिकारियों तक लगातार प्रार्थना पत्र दे रहे हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा हमेशा आश्वासन तो दिया जाता है, परंतु वास्तविक मरम्मत कार्य शुरू नहीं करवाया जाता। ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ शासन-प्रशासन अनुसूचित जनजाति समुदाय को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर उन्हें दूषित पानी पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
 
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द कुएँ की मरम्मत कराकर समुदाय को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाए, ताकि उनकी वर्षों पुरानी समस्या का समाधान हो सके। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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