IPS Anshika Jain: 5 बार असफल, फिर भी नहीं टूटी हिम्मत, दिल छू लेगी IPS अंशिका जैन की सक्सेस स्टोरी
दादी का सपना — पोती बने अधिकारी
अंशिका जब सिर्फ 5 साल की थीं, तभी उनके माता-पिता का निधन हो गया था। उनका पालन-पोषण दादी और चाचा ने किया। दादी एक टीचर थीं और हमेशा कहती थीं कि शिक्षा ही सबसे बड़ी पूंजी है। दादी ने ही उन्हें सिविल सेवा में जाने की प्रेरणा दी। तभी से अंशिका ने निश्चय कर लिया कि एक दिन वह अफसर बनकर दिखाएंगी।
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नौकरी छोड़ी और UPSC की तैयारी शुरू की
अंशिका ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से बीकॉम और एमकॉम की पढ़ाई की। इस दौरान उन्हें एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी मिली, लेकिन उन्होंने अपना सपना चुनते हुए नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह UPSC की तैयारी में लग गईं।
दादी के निधन ने तोड़ा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी
साल 2019 में UPSC की तैयारी के दौरान दादी का निधन हो गया, जो उनके लिए दूसरा सबसे बड़ा झटका था। फिर भी उन्होंने दादी के शब्दों को याद किया — “सपनों से पीछे नहीं हटना।” यही सोच उन्हें दोबारा पढ़ाई की ओर लौटने की शक्ति देती रही।
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पांच बार असफलता, छठी बार मिली सफलता
अंशिका ने पांच बार असफलता का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी रणनीति बदली, मॉक टेस्ट देना शुरू किया और अपने कमजोर विषयों पर काम किया। कॉमर्स और अकाउंटेंसी को वैकल्पिक विषय चुना। आखिरकार UPSC 2022 में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 306 हासिल की और IPS अधिकारी बनीं।
सफलता के बाद अंशिका ने सोशल मीडिया पर अपना संघर्ष साझा करते हुए लिखा कि 6 सालों की मेहनत आखिरकार रंग लाई। कई बार असफल होने और खुद पर शक करने के बावजूद, धैर्य, समर्पण और परिवार के सहयोग से मैंने IPS बनने का सपना पूरा किया।

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