Haryana: हरियाणा में इन अधिकारियों-कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी, जानें वजह
वीरवार को राज्य में प्रदूषण से संबंधित 35 नई एक्टिव फायर लोकेशन (AFL) दर्ज की गईं, जिससे कुल संख्या बढ़कर 206 हो गई है। निगरानी में लापरवाही मिलने पर सरकार ने 47 अधिकारी-कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
हरियाणा कृषि एवं कल्याण विभाग के अनुसार, वीरवार को जींद में 11, हिसार और सिरसा में 4-4, फतेहाबाद, रोहतक, करनाल, सोनीपत में 3-3, कैथल में 2, और अंबाला व फरीदाबाद में 1-1 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए। विभाग ने बताया कि 5 नवंबर तक 158 घटनाएं चिन्हित की गई थीं, जिनमें से 70 पराली जलाने और 84 अन्य आगजनी के मामले थे, जबकि 4 घटनाओं की जांच अभी जारी है।
कृषि विभाग का कहना है कि इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में पिछले वर्षों की तुलना में कमी दर्ज की गई है। 15 सितंबर से 6 नवंबर तक 2020 में 2,988, 2021 में 4,216, 2022 में 2,576, 2023 में 1,579 और 2024 में अब तक 888 मामलों की पहचान की गई है। हालांकि यह गिरावट सकारात्मक संकेत है, लेकिन विभाग का कहना है कि निगरानी और सख्त की जाएगी।
सरकार ने नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई भी की है। अब तक 3.80 लाख रुपये का जुर्माना किसानों पर लगाया गया है, 58 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है और 47 किसानों की रेड एंट्री की गई है। वहीं, जिन क्षेत्रों में निगरानी में लापरवाही मिली है, वहां 47 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं। इनमें पलवल के 24, कैथल के 19, करनाल के 1 और सिरसा के 3 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं।
पिछले वर्ष भी विभाग ने सख्त कदम उठाए थे। तब 35 कर्मचारियों को चार्जशीट, 28 को निलंबित और 582 को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। सरकार का कहना है कि पराली जलाने की घटनाओं पर सख्त निगरानी जारी रहेगी और प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई तेज की जाएगी।

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