Haryana: हरियाणा सरकार ने नारी ई-रिक्शा स्वावलंबन योजना की शुरुआत की, ड्राइविंग कौशल का मिलेगा प्रशिक्षण
सिरसा, 14 अक्टूबर। महिला एवं बाल विकास विभाग ने हरियाणा महिला विकास निगम के माध्यम से ‘नारी ई-रिक्शा स्वावलंबन योजना’ एक नई पहल शुरू की है। इस योजना के तहत, हरियाणा मूल की लड़कियों/महिलाओं को ड्राइविंग प्रशिक्षण कार्यक्रम/ई-रिक्शा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
योजना से एलएमवी/टीएसआर ड्राइविंग कौशल के क्षेत्र में लड़कियों/महिलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। महिलाएं परिवहन के क्षेत्र में आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनेंगी। इसके लिए हल्के मोटर वाहन/ई-रिक्शा प्रशिक्षण के लिए एक व्यापक चालक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, जिसमें प्रत्येक प्रशिक्षु को सीएमवी नियम 1989 में निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद जिला प्रबंधक प्रशिक्षुओं को ई-रिक्शा खरीदने के लिए विभिन्न बैंकों से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास करेंगे। ई-रिक्शा खरीदने की पूरी प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी। जिला प्रबंधक समय-समय पर लाभार्थियों की निगरानी करेंगे।
इस प्रकार रहेगी योजना की पात्रता
Read More Haryana: हरियाणा में पिता पुत्र के मर्डर मामले में बदमाशों का एनकाउंटर, सोनीपत के पास हुई मुठभेड़योजना के तहत हरियाणा की स्थायी निवासी आठवीं पास महिलाएं जिनकी आयु 18-45 वर्ष हो, वे योजना के तहत पात्र होंगी। बीपीएल परिवार के लिए 1.80 लाख रुपये, अन्य श्रेणियों के लिए 3.00 लाख रुपये प्रति वर्ष तक, विधवाओं/तलाकशुदा के लिए कोई आय सीमा नहीं है।
योजना के तहत 400 बीपीएल, 100 विधवा/तलाकशुदा और 500 अन्य श्रेणी की महिलाओं-लड़कियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बीपीएल लड़कियों/महिलाओं और विधवाओं को ई-रिक्शा की खरीद की कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान तथा उन लड़कियों/महिलाओं के लिए ई-रिक्शा की कुल लागत का 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जिनकी पारिवारिक आय 3.00 लाख रुपये प्रति वर्ष तक होगी।
इसके अलावा परिवार के एक से अधिक सदस्य सब्सिडी का लाभ पाने के हकदार नहीं होंगे, चाहे वह मां हो या बेटी और सास हो या बहू हो।
इस प्रकार रहेगी चयन प्रक्रिया
योग्य उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा विज्ञापन के माध्यम से आमंत्रित किए जाएंगे और उम्मीदवारों को एचडब्लूडीसी के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इसके बाद आवेदकों के दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के लिए एक जिला चयन समिति गठित की जाएगी। पूर्ण दस्तावेजों की जांच के बाद पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके अलावा, संबंधित श्रेणी में सभी प्रशिक्षुओं को अंतिम रूप देने के बाद, यदि आवेदनों की अनुपलब्धता के कारण किसी भी श्रेणी में सीटें खाली हैं, तो उन्हें किसी अन्य श्रेणी से भरा जाएगा। यदि विधवा/तलाकशुदा उम्मीदवार भी बीपीएल है, तो उसे इस उद्देश्य के लिए बीपीएल माना जाएगा।



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