Kushinagar : पुलिस संग शराब तस्कर 'आल इज वेल' की बजा रहे है बंसी
तस्करी का सुरक्षित हब बना जटहां थाना क्षेत्र में शराब तस्करों की आई बहार
On
ब्यूरो प्रमुख प्रमोद रौनियार
कुशीनगर।
पश्चिमी चंपारण बिहार बॉर्डर से लगा जनपद के खड्डा, जटहां, पडरौना, से लगायत तमकुही राज क्षेत्र के सीमाओं पर खुली शराब की दुकानदारों की माने तो लाट्री लग गई है। बॉर्डर की दुकानों पर भारी पैमाने पर लक्ष्य से अधिक आपूर्ति हो रही शराब कहा जा रही है इससे आबकारी विभाग कान में तेल डालकर खर्राटे भर रहा है।
आइये बताते चले कि जनपद के उपरोक्त थाना क्षेत्रों में पहला नंबर जटहां बाजार है जिसकी आम से खास में चर्चाएं सरेआम हो रही है। यहा पर खुली शराब की दुकानों पर सुबह से शाम तक देशी अंग्रेजी, बियर बाजार मे लग रही जमघट की गर्माहट देखी जा सकती है।
नौनिहालों पर भारी है सड़क पर खुली शराब की दुकान
विद्यालय गेट से महज 50 मीटर पर खुली अंग्रेजी शराब की दुकान
आज समाज किस दिशा की ओर आगे जा रहा है जिसकी बया करना व्यवस्था पर आंच लगाने के बराबर होगा। आइये जानते है पहले जटहां बाज़ार क्षेत्र की भूगोल यह है की शराब की खुली दुकान से महज 200 मीटर पर नन्हे मुंहे बच्चो के लिए सरकारी विद्यालय है, ऐसे में सवाल आप लोग बताये आजु बाजू गांव के विद्यालय में पढ़ने जा रहे बच्चे बच्चियों की मनोदशा पर क्या प्रभाव पड़ता होगा, क्या यही समाज सुधारक जिम्मेदार लोग है? दूसरा सवाल बाजार का मुख्य निकास मार्ग है,
सुबह शाम महिलाओं, बच्चे बच्चियों का आना जाना तहलना शराबियों के बीच से गुजरना मनोदशा पर क्या प्रभाव डालेगा, यहा तो खुली हवा में सांस लेना सम्मानजनक जीवन जीना दुर्भर हो गया है, इस अहम मुद्दे पर यहा स्थित बेलगाम हो चली है। इस समस्या से प्रशासन भी
शराब अनुज्ञापियों, तस्करों की लग गई है लाट्री
अब जानिए शराब तस्करी का सुरक्षित हब क्यो कहा जाता है जटहां बाज़ार तो भूगोल यह है शराब की खुली दुकानों के पीछे महज 500 मीटर बांसी नदी स्थित है जो यूपी बिहार सीमा को रेखांकित करती है। इसका लाभ यहा आये दिन अपराधी प्रवृत्ति तत्वों का खूब जमावड़ा लगता है, बिहार के रेता अंचल से शाम से पूरी रात बोलेरो, बाइक, साइकिल, बैलगाड़ी से आ रहे तस्करों द्वारा शराब तस्करी का धंधा चरमोत्कर्ष पर है, लेकिन पुलिस प्रशासन हो या आबकारी विभाग क्या मजाल इन अपराधी प्रवृत्ति के तस्करों पर कभी हाथ डाला हो।
इससे साबित हो रहा है तस्करों का गलबहिया दोस्त बनकर कहे या कन्हैया बनकर चैन की बंसी बजा रहे है यहां तो सब अमन और शांति है। तभी तो कहा जाता है जिसकी एक बार शराब टेंडर की खुली लाट्री तो वह आजीवन लक्की और चमचमाता नेता सितारा कहलाता है।
यहा के शराब अड्डे पर आलम यह है कि शाम शराबीपन की सबाब चढ़ने पर शराबी सड़को पर आपा खोकर मचलते रहते हैं। सड़को से गुजरने वाली महिलाएं बच्चे बच्चियां सम्मानित लोग वाहन अपना किसी तरह सम्मान बचाकर गमनागमन करते है और सुरक्षा प्रहरी अमन चमन की बंसी बजाते है, कहा सोये है समाज के ठीकेदार?
About The Author
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
Related Posts
राष्ट्रीय हिंदी दैनिक स्वतंत्र प्रभात ऑनलाइन अख़बार
15 Dec 2025
15 Dec 2025
15 Dec 2025
Post Comment
आपका शहर
15 Dec 2025 22:00:19
Gold Silver Price: सोने–चांदी के दामों में आज 15 दिसंबर 2025, यानी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को मामूली गिरावट...
अंतर्राष्ट्रीय
28 Nov 2025 18:35:50
International Desk तिब्बती बौद्ध समुदाय की स्वतंत्रता और दलाई लामा के उत्तराधिकार पर चीन के कथित हस्तक्षेप के बढ़ते विवाद...

Comment List