अमेरिकी कोर्ट का बड़ा फैसला, ट्रंप के अधिकांश टैरिफ को बताया अवैध

 राष्ट्रपति बोले- ये फैसला तबाह करने वाला 

अमेरिकी कोर्ट का बड़ा फैसला, ट्रंप के अधिकांश टैरिफ को बताया अवैध

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मनमाने तरीके से दुनिया के विभिन्न देशों पर भारी-भरकम टैरिफ थोप दिया है, जिनमें भारत भी शामिल है। अब अमेरिका की एक संघीय अदालत ने ट्रंप की राह में रोड़े अटका दिए हैं। यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप ने देशों पर टैरिफ लगाने के लिए अपनी शक्तियों का सीमा से आगे बढ़कर इस्तेमाल किया। संघीय अदालत ने 7-4 के फैसले से ट्रंप के टैरिफ को गलत बताया और उस पर रोक लगाने का आदेश दिया। हालांकि ये आदेश तुरंत लागू नहीं होगा और अदालत ने ट्रंप प्रशासन को अक्तूबर तक सुप्रीम कोर्ट में अपील का समय दिया है, तब तक टैरिफ लागू रहेगा।
 
अमेरिका में संघीय अपील अदालतों में से एक ने फैसला सुनाया कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए अधिकांश टैरिफ कानूनों के अनुरूप नहीं हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को पुष्टि की कि देशों पर लगाए गए सभी टैरिफ प्रभावी रहेंगे. साथ ही हाल ही में एक अत्यधिक पक्षपातपूर्ण अपील न्यायालय के फैसले को गलत बताया। ट्रंप ने कहा,'सभी टैरिफ अभी भी लागू हैं! आज एक बेहद पक्षपातपूर्ण अपील अदालत ने गलती से कहा कि हमारे टैरिफ हटा दिए जाने चाहिए, लेकिन वे जानते हैं कि अंत में जीत अमेरिका की ही होगी. अगर ये टैरिफ कभी हटा दिए गए तो यह देश के लिए पूरी तरह से विनाशकारी होगा. यह हमें आर्थिक रूप से कमजोर बना देगा, और हमें मजबूत होना होगा।
 

ट्रंप ने इस वर्ष की शुरुआत में कानून का इस्तेमाल किया था

 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी एक संघीय अपील अदालत द्वारा यह फैसला सुनाए जाने के बाद आई है कि अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम किसी राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं देता है. जैसा कि ट्रंप ने इस वर्ष की शुरुआत में कानून का इस्तेमाल किया था. संघीय सर्किट ने ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए यह बात कही।
 
सीएनएन के अनुसार न्यायाधीशों ने कहा कि ट्रम्प द्वारा लगाया गया अभूतपूर्व टैरिफ उनकी शक्ति का अतिक्रमण है क्योंकि टैरिफ सहित कर लगाने की क्षमता एक प्रमुख कांग्रेसी शक्ति है जो संविधान विधायी शाखा को प्रदान करता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि उनका देश अब बड़े व्यापार घाटे या अन्य देशों द्वारा लगाए गए अनुचित टैरिफ और गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने आगे कहा, 'अगर इसे ऐसे ही रहने दिया गया तो यह फैसला सचमुच अमेरिका को तबाह कर देगा।
 
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के कदमों का बचाव किया. प्रवक्ता कुश देसाई ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने विदेशी खतरों से हमारी राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए कांग्रेस द्वारा उन्हें दी गई टैरिफ शक्तियों का वैधानिक रूप से प्रयोग किया. राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए टैरिफ अभी भी प्रभावी हैं और हम इस मामले में अंतिम जीत की आशा करते हैं।
 
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण व्यापार घाटे वाले लगभग साठ देशों या व्यापार समूहों पर नए टैरिफ की एक व्यापक श्रृंखला की घोषणा की. ये लगभग 100 वर्षों में अमेरिका द्वारा की गई सबसे बड़ी टैरिफ वृद्धि थी. उन्होंने इस अवसर को मुक्ति दिवस कहा।
 
इस बीच अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी जेफरीज की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा लगाया गया 50 प्रतिशत का भारी शुल्क मुख्य रूप से भारत-पाकिस्तान विवाद में मध्यस्थता की अनुमति न दिए जाने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यक्तिगत नाराजगी का परिणाम है।

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