IAS Success Story: चाय बेचने वाला बन गया IAS अफसर, पढ़ें हिमांशु गुप्ता की सक्सेस स्टोरी
हिमांशु गुप्ता का बचपन गरीबी में बीता। स्कूल जाने के लिए उन्हें रोजाना 70 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था।
हिमांशु ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर पहली बार 2018 में UPSC परीक्षा को क्लियर किया, लेकिन उनका चयन भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) के लिए हुआ।
IAS Success Story: अगर मन में कुछ कर गुजरने की लगन हो तो आप किसी भी मुकाम तक पहुंच सकते हैं। यह बात सिद्ध की है उत्तराखंड के हिमांशु गुप्ता ने, जो आज एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। उनकी कहानी इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि संघर्ष और मेहनत से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है, भले ही आपकी शुरुआत कितनी भी कठिन क्यों न हो।
गरीबी में बीता बचपन
हिमांशु की कहानी इस बात की गवाही देती है कि असल में सपने कोई भी देख सकता है, अगर दिल में उसे पूरा करने की इच्छाशक्ति हो। उनका कहना था कि मेरे सहपाठी जब हमारे चाय के ठेले के पास से गुजरते थे तो मुझे बहुत शर्मिंदगी होती थी। कभी-कभी तो मैं छिप भी जाता था, क्योंकि लोग मुझे ‘चायवाला’ कहकर मजाक उड़ाते थे। लेकिन मैंने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। मैं पढ़ाई पर ध्यान लगाता रहा।
कड़ी मेहनत और परिवार का सहयोग
हिमांशु के माता-पिता, जो खुद स्कूल ड्रॉपआउट थे, अपने बेटे की पढ़ाई में कभी कोई कसर नहीं छोड़ते थे। उनका मानना था कि सपने सच करने के लिए पढ़ाई जरूरी है और यही प्रेरणा हिमांशु को आगे बढ़ने की ताकत देती रही। वो कहते हैं, “हम रोजाना 400 रुपये कमा लेते थे, लेकिन मैं जानता था कि अगर मैंने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की तो एक दिन मैं बेहतर जिंदगी जी सकता हूँ।”
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उन्होंने फिर से 2019 में परीक्षा दी और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए चयनित हो गए। लेकिन उनका लक्ष्य अब भी कुछ और था, और फिर 2020 में अपने तीसरे प्रयास में हिमांशु ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा पास की और आखिरकार आईएएस अफसर बन गए।
हिमांशु अपनी कहानी बताते हुए कहते हैं, “मेरे सपने बड़े थे, मैं एक शहर में रहने और अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन बनाने का सपना देखता था। मुझे पता था कि अगर मैं कड़ी मेहनत करूंगा, तो मुझे एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में प्रवेश मिल जाएगा।” इसके लिए उन्होंने अंग्रेजी भाषा में सुधार करने के लिए अंग्रेजी मूवीज़ देखना शुरू किया।

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