गोरखपुर में पशु व्यापारी की करोड़ों की ठगी: दर्जनों किसान बर्बाद, फरार आरोपी की तलाश जारी
ह्रपुर बुदहट क्षेत्र के किसान में विश्वास का टूट भरोषा, ठगों ने करोड़ो का लगाया चुना ममचा हड़कम्प
ब्यूरो/एस एम त्रिपाठी रिपोर्ट अरुण मिश्रा
घटना की शुरुआत तब हुई जब 27 अगस्त 2025 को व्यापारी अपना सामान, मवेशी और परिवार लेकर फरार हो गया। सूत्रों के अनुसार, उसने किसानों से उधार पर भैंस, गाय और अन्य पशु लिए थे, वादा किया था कि बेचकर पैसे लौटा देगा। लेकिन रात के अंधेरे में वह गायब हो गया। किसानों को तब झटका लगा जब उन्होंने व्यापारी के विक्रमजोत स्थित भतीजे मोहम्मद मोसीन कुरैशी और सहयोगी बहलू से संपर्क किया, जिन्होंने कहा कि वह वहां नहीं आया। दर्जनों किसानों ने हरपुर बुदहट थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने लेन-देन का कोई लिखित प्रमाण या ट्रांजेक्शन का पुख्ता सबूत न होने का हवाला देकर कार्रवाई में देरी की।
किसान अब खुद को लुटा हुआ महसूस कर रहे हैं और सामूहिक गवाही देने को तैयार हैं।
मुजफ्फरनगर से आये थे ठग
मुजफ्फरनगर जनपद के लोई गांव से हसन कुरैशी (मोबाइल: 8923272150) इसी गांव के शादास कुरैशी (8791202740), आवेश कुरैशी (8527283074), काला कुरैशी (9557545653), शायलम कुरैशी (9768978207), रामी और आशिक क्षेत्र में विश्वास जितने के बाद करोड़ो का चूना लगा गए ।
स्थानीय क्षेत्र के ठगी के शिकार पशु पालक व किसान प्रयाग यादव को 2,08,500 रुपये, रिंकू को 1,05,000 रुपये, राम आशीष को 1,67,000 रुपये (एक भैंस सहित), बाल किसुन को 75,000 रुपये, जितेंद्र कुमार को 75,500 रुपये, धर्मेंद्र कुमार को 1,34,000 रुपये, महेंद्र को 12,000 रुपये, दिनेश यादव को 1,00,000 रुपये (चोकर और भूसा सहित), अनूप को 25,000 रुपये, सूर्यांशु को 2,00,000 रुपये, विनोद यादव को 48,000 रुपये (एक भैंस), राम कृष्ण को 50,000 रुपये (गाड़ी भाड़ा), अरविंद को 60,000 रुपये, रंजीत यादव को 25,000 रुपये, तालुकदार को 1,23,000 रुपये (दो भैंस), विजय कुमार को 1,03,000 रुपये, अरविंद यादव को 80,000 रुपये और नरसिंह यादव को 1,19,000 रुपये (एक पड़वा सहित) का नुकसान हुआ। कुल मिलाकर करोड़ों की ठगी का अनुमान है, जिसमें पशु, नकदी और अन्य सामान शामिल हैं।
किसानों का कहना है कि व्यापारी ने वर्षों की मेहनत से कमाए विश्वास का फायदा उठाया। एक शिकार किसान प्रयाग यादव ने बताया, "हमने उसे परिवार जैसा माना, लेकिन वह हमें बर्बाद करके भाग गया। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा।" क्षेत्रीय पशुपालक संघ ने इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है, जबकि पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है और सबूत जुटाए जा रहे हैं।
यह घटना ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल रही है। पशुपालन से जुड़े किसान अब सतर्क हो गए हैं, लेकिन न्याय की उम्मीद में थाने के चक्कर काट रहे हैं। अगर समय रहते कार्रवाई न हुई, तो ऐसे ठगों का मनोबल और बढ़ सकता है। स्थानीय प्रशासन से अपील है कि पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए और फरार व्यापारी को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए।

Comment List