भारत, रूस, चीन और ब्राज़ील एक प्लेटफॉर्म पर
यह बड़ी प्रसिद्ध कहावत है कि दुश्मन का दुश्मन अपना दोस्त और अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति पद की ताजपोषी के साथ-साथ डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपनी विदेश नीति के तहत अंधाधुंध आयात टैरिफ लगाकर भारत रूस और चीन को नाराज कर लिया है। भारत पर आज से 50% टैरिफ लागू कर दिया गया है अब भारत अमेरिका के विकल्प के रूप में नया बाजार तलाश करने और रूस तथा चीन से गहरे गढ़ जोड़ बनाने में लगा हुआ है।
(स्वतंत्रता के बाद से अविश्वसनीय चीन पर भारत ने अब भरोसा जताना शुरू किया है चीन के विदेश मंत्री के भारत में व्यापारिक के लिए यात्रा पर उनका स्वागत किया गया । भारत के प्रधानमंत्री बहुत जल्द चीन की यात्रा पर जाने वाले वाले हैं और चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने की योजना बना रहे हैं। ब्राज़ील पर भी अमेरिका ने 40 से 50% आयात शुल्क आरोपित कर दिया है ब्राजील ने अमेरिका से बात करने की बजाय भारत के राष्ट्रपति नरेंद्र मोदी से बात करना उचित समझा। ब्राज़ील भी अमेरिका से व्यापारिक मुद्दों पर काफी खफा नजर आ रहा है। इस तरह भारत रूस चीन और ब्राजील एक प्लेटफार्म पर खड़े नजर आ रहे हैं। निश्चित तौर पर एशिया और दक्षिण एशिया डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका की नीतियों के विरोध में आ चुका है।)
भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्था है अमेरिका से व्यापारिक संबंध खराब होने पर भारत को 25% तक नुकसान होने की संभावना है पर भारत के लिए यह एक बड़ा सबक प्रमाणित होगा कि किसी एक पश्चिमी देश पर निर्भर रहना भारत की विदेश नीति के लिए उपयुक्त नहीं होगा। फल स्वरुप उसे ओपन मार्केट पॉलिसी अपना कर सभी देशों से अपना व्यापार और व्यवसाय करने की योजना निर्मित करनी होगी तब जाकर ही भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सपना देख सकता है। दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद रूस यूक्रेन युद्ध के युद्ध को विराम तो नहीं दे पाए किंतु युद्ध की आग को और भड़का दिया है। उधर परमाणु संपन्न देश चीन नॉर्थ कोरिया और रूस की त्रिगुटीय जुगलबंदी ने अमेरिका सहित नाटो यूरोपीय देश और यूक्रेन की नींद उड़ा दी है। उल्लेखनीय की नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के आपस के कड़वे रिश्ते के बीच अमेरिका का साउथ कोरिया को लेकर काफी हस्तक्षेप है जिसे नॉर्थ कोरिया कई दशक से पसंद नहीं करता आया है ।संयुक्त राष्ट्र संघ और एमनेस्टी इंटरनेशनल की भूमिका निरर्थक हो चुकी है वैसे भी संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिका तथा यूरोपीय देशों की कठपुतली बन चुका है।
क्या मानवीय संवेदनाओं की आशाएं निर्मूल साबित हो रही हैं। वैश्विक शांति और अमन की कल्पनाओं से परे वैश्विक युद्ध की आशंका में उत्तर कोरिया ने भी अपना मोर्चा खोल दिया है ताजा ताजा घटनाक्रम में रूस के विदेश मंत्री लावरोव उत्तर कोरिया के दौरे पर जाकर वहां के समकक्ष चोई सांन संग से उत्तर कोरिया के शहर पूर्वी वोंनसान मैं अत्यंत महत्वपूर्ण मीटिंग की है।रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने उत्तरी कोरिया के तानाशाह नेता किम जोंग उन से भी मुलाकात कर रुस को यूक्रेन और अमेरिका के खिलाफ समर्थन देने की बात रखी जवाब में उत्तरी कोरिया के तानाशाह नेता किम जोंग उन ने रूस को अमेरिका यूरोप और यूक्रेन के खिलाफ निशर्त खुला समर्थन देने की घोषणा कर दी है।
गौरतलब है कि उत्तरी कोरिया पिछले कई महीनो से मिसाइल का परीक्षण कर साउथ कोरिया अमेरिका तथा यूरोपीय देशों को सीधा-सीधा संदेश दिया है कि साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया के संबंधों के बीच किसी देश के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्तर कोरिया की आधिकारिक न्यूज़ एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच अब तनाव बढ़ने लगा हैl उधर उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम के जवाब में अमेरिका दक्षिण कोरिया व जापान त्रिपक्षीय त्रिपक्षी संधियां और सैनिक अभ्यास का विस्तार तथा फिर से बहाली कर रहे हैं।
तीनों देशों ने उत्तर कोरिया के रूस और चीन को समर्थन देने के और परमाणु परीक्षणों के खिलाफ दक्षिण कोरिया प्रायद्वीप के पास अमेरिकी परमाणु सक्षम बम वर्षको के साथ संयुक्त हवाई अभ्यास किया है। उल्लेखनीय है कि तीनों देशों के सैन्य प्रमुखों ने एक गंभीर बैठक कर उत्तर कोरिया से क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली सभी गैर कानूनी गतिविधि बंद करने का आह्वान किया है वैसे भी उत्तर कोरिया अमेरिका के नेतृत्व में दक्षिण कोरिया और जापान के इस युद्ध अभ्यास को उत्तर कोरिया के खिलाफ होने वाले हमले का पूर्व अभ्यास मानता है। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर बड़े हमले की चेतावनी भी दे डाली है। इन परिस्थितियों में विश्व में चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध तथा इसराइल हमास लेबनान ईरान युद्ध के अलावा उत्तर कोरिया ने हमले की धमकी देकर एक नये युद्ध का मोर्चा खोल दिया हैl यह तो सर्व विदित है कि उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग-उन एक सनकी तानाशाह है और अमेरिका पर परमाणु युद्ध के हमले की गाहे-बगाहे धमकियां भी दिया करता हैl
उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया की किसी भी हिमाकत पर उस पर हमला कर सकता हैl उधर रूस यूक्रेन युद्ध को ढाई वर्ष पूरे हो चुके है कई प्रभावशाली प्रयासों के बाद भी युद्ध रुकने का नाम नहीं ले रहा है रूस के व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के व्लादिमीर जेलेन्स्की हास्य कलाकार होने के बावजूद यूक्रेन के लिए त्रासदी के नायक बन गए हैं। दोनों देशों में हजारों नागरिक एवं सैनिक मारे जा चुके हैं इसके अलावा अरबों डॉलर की संपत्ति का भारी नुकसान भी हुआ है । इसराइल हमास लेबनान तथा ईरान के मध्य युद्ध अपने पूरे शबाब पर हैl इजरायल के आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह के कमांडर याह्या सिंनवार को रॉकेट लांचर से मार देने के बाद इसके जवाब में लेबनान से इजरायल के सिरोसिया शहर में जहां इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का आधिकारिक निवास है रॉकेट लांचर से हमला किया है।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई ने अपने बयान में बताया की इस तरह के और हमले अभी जारी रहेंगे। पूरा विश्व इस समय विश्व युद्ध की कगार पर है और यदि उत्तर तथा दक्षिण कोरिया के मध्य युद्ध होता है तो निश्चित तौर पर अमेरिका साउथ कोरिया की तरफ से एवं रूस,चीन नॉर्थ कोरिया की तरफ से इस युद्ध में शामिल हो सकते हैं। पूरा विश्व दो भागों में बट गया है एक तरफ रूस,चीन, नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान तथा पश्चिम एशिया के देश होंगे तथा दूसरी तरफ अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, इजरायल तथा अन्य देश के युद्ध में शामिल होने की संभावना बलवती हो रही हैl भारत लगातार रूस-यूक्रेन, इसराइल-हमास युद्ध को रोकने के लिए प्रयासरत है और इस प्रयास के अंतर्गत भारत के प्रधानमंत्री ने रूस तथा यूक्रेन की आधिकारिक यात्राएं भी की है।
परंतु दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के अडियल रवैये के कारण शांति वार्ता संभव नहीं हो पाई, परंतु जैसा पुतिन ने अपने वक्तव्य में बताया की रूस यूक्रेन के साथ युद्ध विराम शांतिपूर्वक तरीके से करना चाहता है पर यूक्रेन इस वार्ता से पीछे हटकर अमेरिका तथा नाटो देशों के दम पर इनकार कर दिया हैl रूस यूक्रेन युद्ध से अमेरिका रूस का बड़ा विरोधी बनकर लगभग 15 साल पीछे जा चुका है एवं उसकी मुद्रा डॉलर की कीमत भी अब वैश्विक स्तर पर काम होते जा रही है। रूस के नुकसान के साथ-साथ अमेरिका को भी काफी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी हैl पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे हमेशा रूस के लिए और शांति प्रयासों के लिए फिक्रमंद रहते हैं यह यह तथ्य वैश्विक शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है। पूरी दुनिया वैश्विक युद्ध के परिणाम से अच्छे तरह से वाकिफ है पूर्व के विश्व युद्ध में जापान के नागाशाकी तथा हिरोशिमा की भयानक मानवीय त्रासदी को हर देश के नागरिक अच्छे से महसूस करते हैं। अतः विश्व युद्ध को हर संभव प्रयासों से रोका जाना चाहिए अन्यथा विश्व युद्ध मानवता के विकास के लिए एक बडा अवरोध और विनाशक होगी।
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