खोदा पहाड़ निकली चुहिया
एक पत्रकार के मित्र को टारगेट कराई गई जाँच ट्रेप में फंसे सिविल सर्जन,चारो ओर हो रही हैं चर्चा
पटना बिहार ब्यूरो
जांच टीम का नेतृत्व कर रहे औषधि निरीक्षक निर्भय कुमार गुप्ता ने बताया कि यह कार्रवाई सिविल सर्जन के निर्देशानुसार की गई। टीम ने दुकान के स्टॉक रजिस्टर, खरीद-बिक्री अभिलेख, बिलिंग सिस्टम सहित अन्य संबंधित दस्तावेजों की बारीकी से जांच की। जांच के क्रम में कुछ दवाओं के सैंपल भी संग्रहित किए गए हैं, जिन्हें प्रयोगशाला जांच हेतु भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट शीघ्र सिविल सर्जन कार्यालय को समर्पित की जाएगी। कहा तो यहां तक जा रहा है कि टीम ने उंक्त दवा दुकान में कमी खोजने का जी तोड़ प्रयास किया।लेकिन आशातीत सफलता के बदले निराशा हाथ लगी। अंदर से मिल रही जानकारी के अनुसार एक डिजिटल पोर्टल के तथाकथित रिपोर्टर ने अपने हटाये जाने के खुनस में एक अखबार के सहयोगी से एक झूठी खवर छाप कर सिबिल सर्जन पर दवाव बनाकर जाँच पड़ताल करवाया, क्योंकि उंक्त दवा दुकानदार एक अखबार के रिपोर्टर का घनिष्ठ मित्र हैं।हालाँकि अपनी नाक बचाते हुए टीम का नेतृत्व कर रहे श्री गुप्ता ने आगे कहा कि, हमारा मुख्य उद्देश्य है कि अस्पताल परिसर सहित पूरे अनुमंडल में संचालित दवा दुकानों में पारदर्शिता बनी रहे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अनुमंडल क्षेत्र में संचालित अन्य दवा दुकानों की भी चरणबद्ध जांच की जाएगी, जिससे जिले में औषधि व्यवसाय को सुव्यवस्थित और नियंत्रित किया जा सके।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि दृष्टी फार्मा के विरुद्ध शिकायत किसी प्रतिद्वंद्वी व्यवसायी द्वारा निजी द्वेष के कारण की गई थी। बावजूद इसके, जांच टीम ने अपने स्तर पर निष्पक्षता से पूरी प्रक्रिया संपन्न की। फिलहाल, दुकान से कोई आपत्तिजनक वस्तु या अवैध दवा बरामद नहीं की गई है, जो दवा दुकान के संचालन में पारदर्शिता का संकेत देता है।
गौरतलब है कि जांच टीम में औषधि निरीक्षक पूजा कुमारी और सरफराज आलम भी शामिल थे। तीनों अधिकारियों ने संयुक्त रूप से जांच प्रक्रिया को गंभीरता से अंजाम दिया।जिसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।

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