कुत्तों की हिंसक प्रकृति रोकने हेतू भोजन का प्रबंध करें - पशु प्रेमी
देश भर में कुत्तों के काटने के आतंक से देश की अदालत द्वारा कुत्तों को एक प्रकार से केद में रखने का फरमान सुनाया था ! अदालत के फरमान से देश में कुत्ता प्रेमी लोगों ने देश की सबसे अदालत में इस फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर देशभर में प्रदर्शन करने लगे ! देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी अतत: कुतो के पक्ष में उनकी आज़ादी का फेसला सुनाकर कुता प्रेमियों को जश्न मनाने का मोका दिया हे ! हमारे देश में मनुष्य से ज्यादा कुत्ते सोभाग्यशाली हे कि उन्हें 15 दिन के अंदर ही देश की सबसे बड़ी अदालत से न्याय मिल गया और वह जीत गए ! मनुष्य का तो एक पूरा जीवन बीत जाये तब भी उसे अदालत से न्याय मिलना सिर्फ एक उम्मीद ही लगता हे ! बेशक पशु पक्षी प्रेमी होना कोई गुनाह नही नही हे और पशु प्रेमियों की हिफाजत करना हर मानव का धर्म भी हे !
लेकिन आज विडम्बना यह हे कि सोशल मीडिया पर या डिजिटल प्लेटफार्मो पर अपनी प्रसिद्ध बढ़ाने के लिए पशु प्रेमी होना या कुत्ता प्रेमीयो की तादाद लाखो में मिल जाएगी लेकिन हकीकत धरातल पर एक सेकड़ा भी पशु प्रेमी होना या कुत्ता प्रेमी लोगो का मिलना बेहद ही मुश्किल हे ! निसंदेह देशभर में सडको पर रहने वाले कुत्तों के खूंखार होने की प्रवृति बढती जा रही हे ! कुते ही नही सडको पर हर समय विचरण करने वाले अन्य गाय, बैल, सांड गधे आदि अन्य जानवर की भी प्रवृति हिंसक होती जा रही हे और यह मानवता के लिए दिनोंदिन घातक भी होते जा रहे हे ! पशु पक्षियों में आये दिन बढ़ती घातक हिंसक प्रवृत्ति पर सरकार, समाज और पशु पक्षी प्रेमियों को चिन्तन करने की और इस घातक प्रवृत्ति को रोकने पर कोई ठोस रणनीति बनाने की जरूरत हे अन्यथा पशुओं का हिंसक घातक होना मानवता के लिए अभिशाप बन जायेगा !
आज पशुओं के और विशेष कर सडको पर विचरण करने वाले कुत्तों के खूंखार हिंसक होने के पीछे हम मानव ही जिम्मेदार हे ! आज जिस प्रकार से रासायनिक पदार्थों से युक्त भोजन सामग्री का प्रतिदिन अपने आहार में उपयोग कर मनुष्य तामसी, हिंसक, चिडचिड़ा और विकृत सोच वाला बनता जा रहा हे उसी प्रकार से सडको पर विचरण करने वाले कुत्ते, गाय, बेल, गधे आदि जानवर भी उनके आहार के आभाव में सडको पर वेस्ट मटेरियल प्लास्टिक कागज और सडा गला बासी भोजन और वेस्ट खाद्य सामग्री खाकर उनकी अपनी प्रकृति भी बदलती जा रही हे !
इसलिए आये दिन सडको पर रहने वाले कुत्तो और अन्य जानवरों का खूंखार होकर बच्चो महिलाओ बुजुर्गों को अपना शिकार बनाने की घटनाएं देश में आये दिन बढ़ती जा रही हे ! हमारे शास्त्रों में भी भोजन को लेकर उल्लेख हे जेसा अन्न खायेगे वैसा मन, वेसी सोच और वैसे ही प्रवृति बनेगी ! यही नियम मानव सहित सभी जीवो पर समान रूप से लागु होता हे ! देश की सबसे बड़ी अदालत से कुत्तो के पक्ष में फेसला आने के बाद देश भर के सारे कुत्ता प्रेमीयो और पशुप्रेमीयो की जिम्मेदारी हे कि वह अब सडको पर विचरण करने वाले कुत्तो और अन्य जानवरों के उनके शुध्य भोजन की भी व्यवस्था का बन्दोबस्त भी ईमानदारी से करेगे ताकि सडको पर विचरण करने वाले कुत्तो और अन्य जानवरों की प्रकृति हिंसक न हो और न यह जानवर मानवता के लिए घातक सिद्ध हो ! उम्मीद हे देश के कुत्ता प्रेमी और पशु प्रेमी सुप्रीम कोर्ट से विजय होने के बाद देशभर में सड़कों पर विचरण करने वाले जानवरों के भोजन का भी समुचित प्रबंध करने और वास्तविक धरातल पर जीव दया भाव रखने वाले अपने सच्चे पशु प्रेमी होने का परिचय देगे !
बेकोल देश की सडको पर घुमने वाले कुत्तो की आज़ादी लेकर जिस प्रकार से लोगो ने एकजुटता दिखाई हे उसी प्रकार की एकजुटता गो हत्या और मांसाहर के नाम पर प्रतिदिन बुचड खानों में वेध अवेध तरीके से कटते अन्य मूक प्राणियों का जीवन बचाने हेतू भी पशु प्रेमी आगे आये और सडको प्रदर्शन कर देश की सर्वोच्च अदालत से उनका जीवन बचाने हेतू लड़ाई लडे और कुत्तो की तरह उन्हेर भी आज़ादी से जीने का न्याय दिलाये ? विडम्बना यह हे कि आज सोशल मीडिया के विभिन्न विभिन्न प्लेटफार्म पर जीव दया पर उनको बचाने पर लोगो की राय की बाढ़ सी आ जाती हे लेकिन हकीकत के धरातल पर जीवो को बचाने की जब बात आती हे तो हम सरकारी तन्त्र से अपेक्षा करते हे की मूक प्राणियों की जान बचाने का जिम्मा उनका हे !
आज अधिकतर लोग शौकिया तौर पर विदेशी नस्ल के महंगे विदेशी नस्ल के कुत्ते पालना अपनी अमीरी का स्टेटस समझते हे लेकिन अधिकांश लोग अपने in पालतू कुत्तों की गंदगी पार्को सडको या खेल मैदानों में घुमाने के नाम करवाते हे और सभ्य पशु प्रेमी बनते हे ! इसे विडंबना कहे या फिर दुर्भाग्य कहे कि आज देश में पशु प्रेम की वकालत करने वाले ही अधिकतर मांसाहार का सेवन करते हे तो गलत नही होगा ! बेकोल हर प्राणी का चाहे मूक प्राणी ही क्यों न हो सबका जीवन अनमोल होता हे ! प्राणियों में अपने को सर्वश्रेष्ठ मानने वाले मनुष्य का तो सर्वोपरि धर्म ही मूक प्राणियों की रक्षा करना हे तो फिर उनका भक्षक वह कैसे बन सकता हे ?
देश में मांसाहार की खपत का दिनोदिन बढ़ना क्या यह पशु पक्षी प्रेमी देश होने की निशानी हे ? बहरहाल यदि हम सच्चे पशु पक्षी प्रेमी हे तो सोशल मीडिया से इतर वास्तविक धरातल पर आकर कुते सहित सडको पर विचरण करने वाले सभी मूक प्राणियों के साफ भोजन पानी और स्वास्थ सुविधाओं का इंतजाम करना भी पहली प्राथमिकता होना चाहिए ! कुत्तो के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करने वाले हर शख्स का यह कर्तव्य होना चाहिए कि सडको पर विचरण करने वाले कुत्तो से लेकर वध हेतू जाते पशुओं का जीवन बचाने हेतू एकजुटता दिखाने और प्रत्येक मूक प्राणी के भोजन और स्वास्थ की व्यवस्था की सेवा उपलब्ध कराएं!
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