EOW की बड़ी लापरवाही, ठगे गए लोग, 32 अरब ले भागी कंपनी

EOW की बड़ी लापरवाही, ठगे गए लोग, 32 अरब ले भागी कंपनी

प्रयागराज। निवेश के नाम पर 100 फीसदी तक मुनाफा देने का झांसा देकर फर्जी फर्म यॉर्कर एफएक्स और यॉर्कर कैपिटल ने देश भर में 32 अरब रुपए ठगे। मध्यप्रदेश एसटीएफ ने खुलासा किया, लेकिन आर्थिक अपराध ब्यूरो (EOW) ने एक साल पहले एक शिकायत पर संज्ञान लिया होता तो ठगे जाने वालों की संख्या बेहद कम होती। यह खुलासा एसटीएफ के ईओडब्ल्यू को लिखे पत्र से हुआ है, जिसमें लिखा है, 2024 में आई शिकायत की जांच करें।
 
ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने उज्जैन में फर्जी फर्म बनाकर 40 निवेशकों से निवेश कराए, बाद में रुपए लेकर फरार हो गए। एक शिक्षक ने 2024 में ही ईओडब्ल्यू की उज्जैन शाखा में शिकायत की थी। इस पर 40 पीड़ितों के हस्ताक्षर भी थे, पर ईओडब्ल्यू ने ध्यान नहीं दिया। एक साल तक शिकायत धूल खाती रही। अब ईओडब्ल्यू उज्जैन से जांच शुरू करेगी।
 
इंदौर से निवेश के नाम पर छल की शिकायत दर्ज हुई तो एसटीएफ ने जांच शुरू की। जांच की कड़ी मप्र और छत्तीसगढ़ के साथ ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हरियाणा समेत 10 से ज्यादा राज्यों तक जुड़ गई। एसटीएफ ने 32 अरब की ठगी का खुलासा किया। ईडी भी हरकत में आ गई। इसी बीच उज्जैन के पीड़ितों ने एसटीएफ को मामले की जानकारी दी। तब ईओडब्ल्यू की लापरवाही की पोल खुल गई।
जांच एजेंसियां मामले में मनी ट्रेल की लगातार पड़ताल कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि 32 अरब की ठगी करने वाले नेटवर्क का पैसा किन-किन खातों से इधर-उधर किया गया। इसमें साफ हुआ कि ठगी के 90 फीसदी रुपए हवाला के जरिए दुबई समेत अन्य देशों में भेजा गया। अब एसटीएफ इंटरपोल से संपर्क कर आगे की प्रक्रिया शुरू कर रही है।
 
ठग कंपनियां यॉर्कर एफएक्स और यॉर्कर कैपिटल के रुपए को इधर से उधर करने के लिए रेनेट और काइनेट एग्रीगेटर फर्म को जिम्मा मिला था। यह बिचौलिए की तरह काम करती थी। ठगी के रुपए पहले इन दोनों फर्मों के खातों में भेजे जाते थे। ये फर्म अपना कमीशन काटकर बाकी रुपए उनके बताए खातों में भेज देते थे। एसटीएफ सूत्रों की मानें तो 500 करोड़ से ज्यादा रुपए इन फर्मों ने इधर से उधर किए। इसके ट्रांजेक्शन की पूरी डिटेल निकाली जा रही है। बताते हैं, इसके सभी प्रोपराइटर फरार हैं।
 
यॉर्कर एफएक्स और यॉर्कर कैपिटल टेलीग्राम और सभी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर लिंक भेजकर निवेशकों को लुभाते थे। पहले निवेश पर लोगों को १० फीसदी का लालच दिया। निवेश करने पर यह मुनाफा दिया। फिर २०त्न मुनाफे का लालच दे निवेश कराए, इस बार भी रुपए लौटाए। इससे लोगों का भरोसा बढ़ा और उन्होंने ज्यादा मुनाफे के फेर में और राशि लगा दी। इस बार कंपनी रुपए बटोरकर फरार हो गई।
 
 
 
 
 
 

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