रेणुकूट के भाई डब्लू सिंह अनाथ दीपक के लिए बने सहारा
समाजसेवी डब्लू सिंह एक नाम नहीं बल्कि सेवा, समर्पण, त्याग के प्रतीक बन चुके हैं।
रेणुकूट के मसीहा के रूप में माने जाते हैं डब्लू सिंह
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अपने कर्मों से एक मिसाल कायम करते हैं। रेणुकूट के रहने वाले समाज सेवक डब्लू सिंह भी उन्हीं में से एक हैं। वे सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और त्याग का प्रतीक बन चुके हैं। हाल ही में उन्होंने एक अनाथ बालक दीपक को सहारा देकर मानवता की एक नई परिभाषा गढ़ी है।
कम उम्र में ही अपने पिता को खोने के बाद, दीपक की माँ का स्वास्थ्य भी काफी समय से खराब चल रहा था। ऐसे में, उस छोटे से बच्चे के कंधों पर जिम्मेदारियों का बोझ आ गया था। जब यह बात डब्लू सिंह तक पहुँची, तो उन्होंने बिना देर किए दीपक की माँ के इलाज का जिम्मा उठाया। उन्होंने वाराणसी, लखनऊ और दिल्ली तक के अस्पतालों में उनकी माँ का इलाज करवाने के लिए दिन-रात एक कर दिए।
दुर्भाग्य से इलाज के दौरान ही उनकी माँ की तबीयत और बिगड़ गई और डॉक्टरों ने उन्हें जवाब दे दिया। इस दु:खद घड़ी में भी, डब्लू सिंह ने दीपक की माता का पूरा क्रिया कर्म संभाला। उन्होंने केवल आर्थिक मदद ही नहीं दी, बल्कि एक सच्चे शुभचिंतक की तरह हर संभव सहायता प्रदान की।
उनकी इस निस्वार्थ सेवा से प्रभावित होकर दीपक ने उन्हें अपना बड़ा भाई मान लिया। हाल ही में दीपक अपनी पढ़ाई के लिए किताबें और कॉपियां खरीदने के लिए डब्लू सिंह के पास आया। डब्लू सिंह ने तुरंत उसकी सारी ज़रूरतें पूरी कीं और उसे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। इस घटना के माध्यम से उन्होंने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। किसी भी अनाथ बच्चे को सहारा ज़रूर दें।
सेवा और मदद करना हमारी परंपराओं का हिस्सा है। डब्लू सिंह का यह समर्पण कोई नई बात नहीं है। रेणुकूट क्षेत्र में कोई भी समस्या हो, चाहे वह दुर्घटना हो या किसी को खून की ज़रूरत, वे हमेशा सबसे आगे खड़े रहते हैं। उनका यह सेवाभाव और लोगों के प्रति सहानुभूति उन्हें क्षेत्र में एक सम्मानित व्यक्ति बनाती है। वे सिर्फ़ दीपक जैसे बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि हर ज़रूरतमंद के लिए एक उम्मीद की किरण बन गए हैं।

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