सोनभद्र में वृक्षारोपण महाअभियान का आगाज, टेढ़ीटेन गांव में सहजन भंडार और एक पेड़ मां के नाम पहल
वन क्षेत्राधिकारी ने वृक्षारोपण महाअभियान के महत्व पर जोर देते हुए एक पेड़ मां के नाम पर लोगों को किया जागरूक
वन क्षेत्राधिकारी ने वृक्षारोपण महाअभियान के महत्व पर जोर देते हुए एक पेड़ मां के नाम पर लोगों को किया जागरूक
अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सोनभद्र के वन प्रभाग ओबरा द्वारा चलाए जा रहे वृक्षारोपण महाअभियान के तहत ओबरा रेंज में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ग्राम पंचायत वैरपुर के टोला टेढ़ीटेन स्थित कंपोजिट विद्यालय में आयोजित किया गया, जहाँ सहजन भंडार का संचालन किया गया और ग्रामीणों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया गया।

इस सहजन भंडार का मुख्य उद्देश्य ग्रामवासियों और बच्चों को सहजन (Drumstick) के औषधीय और पोषण संबंधी गुणों के बारे में विस्तार से जानकारी देना था। कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने सहजन के विभिन्न उपयोगों और स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला, जिससे लोग इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए प्रेरित हों।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ग्राम प्रधान वैरपुर, श्रीमती सुमन देवी उपस्थित रहीं। उन्होंने वन विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न वानिकी कार्यों की सराहना की और ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने का आह्वान किया। वन विभाग ने गांव वालों को अपनी विभिन्न परियोजनाओं और उनके लाभों के बारे में भी अवगत कराया।

ओबरा रेंज के क्षेत्रा वन अधिकारी (रेंजर) नीरज कुमार श्रीवास्तव ने इस अवसर पर वृक्षारोपण महाअभियान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से एक पेड़ मां के नाम पहल के बारे में जानकारी दी। इस पहल के तहत, रेंजर श्रीवास्तव ने ग्रामीणों से अपनी माताओं के सम्मान में एक-एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का आग्रह किया। उनका यह विचार न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि लोगों को भावनात्मक रूप से इस अभियान से जोड़ेगा।
श्री श्रीवास्तव ने ग्रामवासियों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में सहजन के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक पौधों का रोपण करें और उनका संरक्षण सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी बताया कि पेड़ लगाना ही काफी नहीं है, बल्कि उनकी उचित देखभाल और संरक्षण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इस विशेष सहजन भंडार कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों और बच्चों को सहजन के पौधे वितरित किए गए, ताकि वे इन्हें अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में रोप सकें। इस पहल से उम्मीद है कि टेढ़ीटेन गांव में सहजन के पौधों की संख्या बढ़ेगी, जिससे न केवल हरियाली बढ़ेगी बल्कि स्थानीय लोगों को पोषण संबंधी लाभ भी मिलेंगे। इस अवसर पर वन विभाग के कर्मचारी और सैकड़ों ग्रामीण व स्कूली बच्चे उपस्थित रहे, जो इस अभियान के प्रति उनके उत्साह और भागीदारी को दर्शाता है। यह कार्यक्रम वन विभाग और स्थानीय समुदाय के बीच सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो पर्यावरण संरक्षण के साझा लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है।
यह अभियान सोनभद्र में हरित आवरण बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से यह उम्मीद की जा रही है कि वृक्षारोपण महाअभियान अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करेगा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करेगा।

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