सोनभद्र के रावर्टसगंज में स्वच्छ भारत की खुली पोल कचरे का अंबार, बीमारियों का खतरा
लोगों को सता रहा बीमारियों का खतरा, संबंधित मौन
रावर्टसगंज नगर पंचायत का मामला
अजित सिंह/ राजेश तिवारी (ब्यूरो रिपोर्ट)
एक तरफ जहां केंद्र सरकार की पहल पर देशभर में स्वच्छ भारत अभियान जोर-शोर से चल रहा है और विभिन्न सामाजिक संगठन व अधिकारी सफाई कार्य में लगे हैं, वहीं सोनभद्र जिले के मुख्यालय रावर्टसगंज नगर पालिका की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है, नगर पालिका प्रशासन भले ही सफाई के कितने भी दावे कर ले, लेकिन वार्डों में फैली गंदगी उन दावों की पोल खोल रही है।

पिछले कई सालों से रावटसगंज नगर पालिका क्षेत्र में जमा कचरे का ढेर अब जानलेवा साबित हो रहा है, ओवरब्रिज के ऊपर से उठने वाली असहनीय दुर्गंध ने यहां से गुजरने वालों और स्थानीय निवासियों का जीना मुहाल कर दिया है, बरसात के मौसम में स्थिति और भी खराब हो गई है, क्योंकि जगह-जगह पानी और बदबूदार कचरा फैला हुआ है, जिससे लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
रावर्टसगंज नगर पालिका के ठीक बीचों-बीच कई बीघे में फैला यह कचरे का ढेर कई किलोमीटर तक बदबू फैला रहा है, जिससे लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैं, इस बदबूदार कचरे से मच्छरों का भारी प्रकोप बढ़ गया है, जो अब लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, स्थानीय निवासियों का साफ कहना है कि यह स्थिति उनके स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन गई है, जिससे गंभीर बीमारियों के फैलने की आशंका बनी हुई है, गंदगी और कचरे के ढेरों को देखकर ऐसा लगता है कि सफाई कर्मचारी भूलकर भी इन मोहल्लों में नहीं आते।
स्थानीय निवासियों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है कि नगर पालिका अध्यक्षा इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं और हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई हैं, लोगों का सवाल है कि उच्च अधिकारी कहां हैं और इस समस्या पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है, नगर पालिका द्वारा नगर की सफाई व्यवस्था पर सालाना लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी रावटसगंज के बीचों-बीच नगर में सफाई की व्यवस्था चरमरा गई है।
नगर पालिका अधिकारियों द्वारा इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं करने से चारों ओर गंदगी का आलम है, कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने भाजपा सरकार को स्वच्छ और सुंदर नगर बनाने के लिए वोट दिया था, ताकि बीमारियों और समस्याओं से निजात मिल सके, लेकिन यहां तो कुछ और ही देखने को मिल रहा है, जिससे उनकी उम्मीदें टूट रही हैं, उनका कहना है कि जब सोनभद्र के मुख्यालय कहे जाने वाले नगर पालिका का क्षेत्र इस हालत में है, तो बाकी क्षेत्रों की स्थिति कैसी होगी, यह तो भगवान ही जानता है, क्या स्थानीय प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर अब भी कोई ठोस कदम उठाएगा, या रावटसगंज के नागरिक ऐसे ही गंदगी और बीमारियों के बीच जीने को मजबूर रहेंगे।

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