ग्राम पंचायत मिश्री में 5 साल बाद हुई पहली खुली बैठक, ग्रामीणों की जीत और प्रधान प्रतिनिधि ने मांगी माफी
ग्रामीणों का आरोप पहली बार हुई मिश्री ग्राम पंचायत की बैठक
बैठक में उठी ग्राम पंचायत के निर्माण कार्यो की लेखा जोखा सार्वजनिक करने की मांग
अजित सिंह / राजेश तिवारी (ब्यूरो रिपोर्ट)
विकासखंड कोन के ग्राम पंचायत मिश्री में गुरुवार को पांच साल बाद पहली बार आम सभा की खुली बैठक संपन्न हुई। यह बैठक ग्रामीणों के अथक प्रयासों का परिणाम थी, जिन्हें अपनी आवाज़ कोर्ट से लेकर शासन-प्रशासन तक पहुँचानी पड़ी। बैठक के दौरान ग्रामीणों में जहाँ खुशी का माहौल था, वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए ग्रामीणों से माफी मांगी, जिससे सभी उपस्थित लोग आश्चर्यचकित रह गए।

ग्राम पंचायत मिश्री के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले पाँच सालों में ग्राम प्रधान द्वारा कभी भी आम सभा की खुली बैठक नहीं बुलाई गई थी। महावीर पासवान नामक एक ग्रामीण ने बताया कि उन्हें इस बैठक को संभव बनाने के लिए कोर्ट से लेकर प्रशासन तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा। संजय कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की कि ग्राम प्रधान ने पाँच वर्षों से कोई खुली बैठक आयोजित नहीं की थी।
इन शिकायतों के कारण ही यह मामला शासन-प्रशासन तक पहुँचा और आखिरकार बैठक का आयोजन संभव हो सका। बैठक के दौरान, ग्राम विकास अधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि कुछ ग्रामीणों द्वारा माँगी गई रिपोर्ट कुछ दिनों में उपलब्ध करा दी जाएगी। यह पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उपेंद्रनाथ दुबे ने कहा कि खुली बैठक देखकर जनता खुश है, लेकिन अब यह देखना होगा कि शासन-प्रशासन आगे क्या कार्रवाई करता है।
यह टिप्पणी दर्शाती है कि ग्रामीण अभी भी भविष्य की कार्रवाई को लेकर सतर्क हैं और उम्मीद करते हैं कि अनियमितताओं पर उचित कार्यवाही की जाएगी। इस ऐतिहासिक बैठक में ग्राम विकास अधिकारी अभिषेक सिंह, ग्राम प्रधान तारा देवी, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नीलेश राम भारती, पंचायत सहायक रूबी कुमारी और ग्राम पंचायत केयर टेकर प्रमिला देवी उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त, महावीर पासवान, धर्मजीत कनौजिया, उमेश कुमार, अरविंद कुमार और नीलम देवी (सदस्य), सूर्य प्रकाश, आलोक कुमार, उपेंद्रनाथ दुबे, विंध्याचल साह, नवरंग साह, प्रतोष साह, अमरजीत भारती, पुरुषोत्तम दास भारती, कृष्ण मुरारी, अमरनाथ कनौजिया, दिनेश कनौजिया, शशिधर भारती सहित सैकड़ों ग्रामीण भी मौजूद थे।

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