एसआईआर पर गरमाया -: बिहार विधानसभा, तेजस्वी-नीतीश आमने-सामने
काले कपड़ों में विपक्ष का हंगामा, मेन गेट पर मार्शल से धक्का-मुक्की
पटना,बिहार ब्यूरो
बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र के तीसरे दिन विपक्ष और सरकार के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला। राजद, कांग्रेस और वामदलों के विधायकों ने काले कपड़े पहनकर एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखा। आज भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत तमाम विपक्षी विधायक काले लिबास में विधानसभा पहुंचे।
सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी विधायकों ने मेन गेट पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए गेट को जाम कर दिया। मार्शल और विधायकों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। इसके कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी समेत एनडीए के विधायक दूसरे गेट से सदन में प्रवेश करने को मजबूर हुए।
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि "नीतीश सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है, एसआईआर के नाम पर जनता को परेशान किया जा रहा है।"
सदन में तेजस्वी-नीतीश की तीखी बहस
Read More Haryana Weather: हरियाणा में ठंड ने तोड़े रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने इन जिलों में अलर्ट किया जारी सदन के अंदर भी माहौल तनावपूर्ण रहा। तेजस्वी यादव ने कहा कि वे एसआईआर के विरोध में नहीं हैं, लेकिन चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा –"आख़िर चुनाव आयोग कौन होता है नागरिकता तय करने वाला? इतना बड़ा ड्राइव चल रहा है, लेकिन आयोग ने अब तक प्रेस कांफ्रेंस तक नहीं की। 11-11 डॉक्यूमेंट मांगे जा रहे हैं, आधार-राशन कार्ड भी मान्य नहीं। बीएलओ परेशान हैं, आम जनता को समझ नहीं आ रहा कि क्या करना है।"
उन्होंने कहा कि अगर यह प्रक्रिया जरूरी थी तो लोकसभा चुनाव के बाद शुरू होती, न कि चुनाव के बीच में।
नीतीश का पलटवार: तेजस्वी बच्चा है, इतिहास नहीं जानता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी पर सीधा हमला करते हुए कहा –
"तुम तो बच्चा हो जी, तुम्हें क्या पता। उस समय पटना में शाम में कोई बाहर नहीं निकलता था। तुम्हारे माता-पिता भी मुख्यमंत्री रहे, लेकिन कुछ नहीं किया।"
नीतीश ने कहा कि आज बिहार का बजट तीन लाख करोड़ से ज्यादा है, पहले क्या हालत थी, कोई पूछे।"अब चुनाव नजदीक है, तो जो मन में आए बोलते रहिए, लेकिन सच्चाई यह है कि हमारी सरकार ने काम किया है," नीतीश ने सदन में कहा।
चर्चा में एसआईआर
एसआईआर को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने है।विपक्ष की मांग है कि एसआईआर की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से रोकी जाए और इसे पारदर्शी बनाया जाए।वहीं सरकार का कहना है कि यह एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसे बेवजह राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र अभी और गरमाने के संकेत दे रहा है।

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