बिहार विधानसभा में विपक्ष ने किया जोरदार हंगामा
एसाईआर पर गरजे नेता, वेल में प्रदर्शन, मार्शल से धक्का-मुक्की
पटना, बिहार ब्यूरो -- विधानसभा से एम के रोशन की रिपोर्ट
पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि यह गहन पुनरीक्षण नहीं, गहरी साजिश है। सरकार वोटर लिस्ट में हेराफेरी कर लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है। हम सड़क से सदन तक इसका विरोध करेंगे।वही बिहार सरकार के मंत्री बिजय कुमार चौधरी ने डिप्टी सीएम के बयान का कड़ा विरोध जताते हुए इसे लोगो को गुमराह करने का षड्यन्त बताया और कहा कि "SIR एक संवैधानिक प्रक्रिया है, इसे गलत तरीके से पेश कर जनता को गुमराह किया जा रहा है।विपक्ष को जनता की नहीं, अपनी सियासत की चिंता है। बिहार सरकार के कामो से उसकी जमीन खिसक गई है।कांग्रेस बिधायक शकील अहमद खां ने इसे साजिश बताया और कहा कि हमने निर्वाचन आयोग से निष्पक्षता की मांग की है। यह सरकार की हताशा है जो अब चुनावी सूची से खेल रही है।
चुनाव नजदीक, सियासत तेज
राजनीतिक पंडित का मानना है किपाँच दिनी यह सत्र इसलिए बेहद अहम है क्योंकि यह 17वीं विधानसभा का अंतिम सत्र है। साल के अंत में होने वाले चुनावों से पहले मतदाता सूची का यह पुनरीक्षण बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।विपक्ष को यह आशंका है कि इसके माध्यम से शहरी और युवा वोटरों को सूची से हटाया जा सकता है, जबकि सत्तारूढ़ दल इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया बता रहा है।
सत्र की अवधि:
21 जुलाई से 25 जुलाई 2025 तक
कुल दिन:
5 कार्य दिवस
हंगामे की मुख्य वजह:
मतदाता सूची में 'छेड़छाड़' का आरोप
विपक्ष को जवाब न देने का आरोप
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22 जुताई का सत्र क्यों बना खास?
सत्र शुरू होते ही विपक्षी विधायक वेल में पहुंचे
टेबल पर चढ़े राजद विधायक
मार्शल से धक्का-मुक्की, कार्यवाही बाधित
शोर-शराबे के बीच सरकार ने विधेयक पेश किया ।

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