खाद संकट से जूझ रहे किसान, राघवेंद्र नारायण ने योगी-मोदी सरकार पर साधा निशाना

राघवेंद्र नारायण ने सूबे की योगी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब बुवाई का समय आता है तो गोदामों से खाद नदारद हो जाता है।

खाद संकट से जूझ रहे किसान, राघवेंद्र नारायण ने योगी-मोदी सरकार पर साधा निशाना

जिले के किसान ऊँची दरों पर खाद खरीदने को मजबूर, संबंधित विभाग मौन

अजित सिंह /राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-

 एन एस यू आई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण ने जनपद के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर लौटने के बाद पत्रकारों से बातचीत में योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर किसानों से जुड़े मुद्दों पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी खरीफ और रबी की फसलों की बुवाई का समय आता है, चाहे वह धान का हो या गेहूं का, डाई और यूरिया सोसाइटी के गोदामों और प्राइवेट दुकानों से गायब हो जाती है।

राघवेंद्र नारायण ने बताया कि इस दौरान सभी सचिवों के फोन 'नॉट रीचेबल' हो जाते हैं, और खाद समितियों के गोदामों और दुकानों की बजाय जमाखोरों के अड्डों पर डंप कर ली जाती है। रात में इन्हीं अड्डों से रसूखदारों और चहेतों तक खाद की सप्लाई कर उनका मुंह बंद करा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आम किसान डाई और यूरिया के लिए मारे-मारे फिरते हैं या फिर ₹267 की यूरिया ₹400 में और ₹1350 की डी ए पी ₹1600 से ₹1700 में ब्लैक मार्केटिंग के जरिए खरीदने को मजबूर होते हैं।

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इतना ही नहीं, यूरिया की बोरी लेने के लिए जबरदस्ती जिंक, सल्फर, और अन्य अनावश्यक चीजें थोप दी जाती हैं, जिन्हें किसानों को मजबूरी में खरीदना पड़ता है, तब कहीं जाकर उन्हें खाद की बोरी नसीब हो पाती है। गौरतलब है कि धान की रोपाई 20 दिन से ऊपर हो चुकी है और इस समय रोपाई का पिक पीरियड चल रहा है। खेतों में यूरिया और डाई की इसी समय सख्त जरूरत है, अन्यथा फसलों की पैदावार आधी या उससे भी कम रह जाएगी।

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राघवेंद्र नारायण ने कहा कि इस समय किसानों को खाद की सख्त जरूरत है, लेकिन सोसाइटियों और प्राइवेट दुकानों दोनों से यूरिया और डाई पूरी तरह से गायब है। उन्होंने बताया कि पूरे जिले के किसानों में इस बात को लेकर जबरदस्त आक्रोश और गुस्सा है। उनका कहना है कि यह मसला अन्नदाता किसानों का है, लेकिन किसान किसी के एजेंडे में नहीं हैं, वे सभी के एजेंडे से बाहर हैं। किसानों की याद सिर्फ वोट के समय सरकार को आती है, उस समय देश का हर नेता किसान का बेटा बन जाता है और जब खाद-बीज की जरूरत पड़ती है तब वह सरकार बन जाता है।

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राघवेंद्र नारायण ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश के हालात कमोबेश ऐसे ही हैं, सरकार किसानों को खाद दे नहीं पा रही है और 'श्री अन्न' और मोटा अनाज उगाने की बात कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार को यह तय करना है कि किसानों की आय दोगुनी करनी है या दलालों, जमाखोरों और बिचौलियों की। उन्होंने मोदी सरकार पर केवल लंबे-लंबे भाषण देने और काम कुछ न करने का आरोप लगाया।

उनका कहना था कि मौजूदा मोदी सरकार देश को और यहां की जनता को 18वीं शताब्दी में ले जाना चाहती है। उन्होंने भाजपा पर यूरिया-डाई की ब्लैक मार्केटिंग कराकर किसानों की आय दोगुनी करने का आरोप लगाया और कहा कि मौजूदा सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है, और किसानों की आय दोगुनी करने का उसका दावा पूरी तरह से खोखला और बेबुनियाद है। इस तरह की नीतियों से इस जन्म में भाजपा किसानों की आय कभी भी दोगुना नहीं कर पाएगी।

राघवेंद्र नारायण ने सूबे की योगी सरकार और कृषि मंत्री से खरीफ की फसल के मद्देनजर पूरे प्रदेश में किसानों को खाद की आपूर्ति को लेकर तत्काल आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने और कड़े कदम उठाने को कहा है। साथ ही, उन्होंने जिलाधिकारी सोनभद्र और जिला कृषि अधिकारी से इस बाबत तत्काल जमाखोरों के यहां छापेमारी कर उन्हें दंडित करने और पूरे जिले के किसानों को सही दामों पर तत्काल खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।

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