बीडीओ के के सिंह क्यो हलुआ ग्राम पंचायत को भष्ट्राचार में कर रहे हो तब्दील

हलुआ ग्राम पंचायत को भष्ट्राचार में तब्दील करने में आमदा गौर वीडीओ के.के. सिंह 

बीडीओ के के सिंह क्यो हलुआ ग्राम पंचायत को भष्ट्राचार में कर रहे हो तब्दील

मनरेगा के तहत हलुआ में हो चुका है लाखो का फर्जी एम्बी का खुलासा पुनः फिर जारी है लाखो का फर्जी हाजिरी 

-आखिर क्यों भष्ट्राचार एवं धन उगाही से भाजपा की जीरो टॉलरेंस नीति को बदनामी पर उतारू अधिकारी

-बीडीओ के इशारे पर लगी धड़ा धड़ लाखो रुपये की फर्जी हाजिरी

-मीडिया को गुमराह कर बीडीओ पूर्व में करा चुके है करीब ₹4.30 लाख फर्जी 

बस्ती,

मनरेगा योजना गरीबों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने की भारत सरकार की एक अति महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत दैनिक मजदूरी के माध्यम से गरीबों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। लेकिन हलुआ पंचायत में इस योजना का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचारी जनता के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार - विकास खण्ड गौर अन्तर्गत हलुआ ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।ग्राम पंचायत हलुआ में मनरेगा योजना के तहत करीब ₹4.30 लाख की फर्जी एमबी तैयार कर ली गई है।

एसआईआर फ़ार्म भरने के लिए 980 किमी का सफर किया Read More एसआईआर फ़ार्म भरने के लिए 980 किमी का सफर किया

जब मीडिया द्वारा खंड विकास अधिकारी (BDO) से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया, "मास्टर रोल तो जीरो हो गया है।" लेकिन महज चार दिन बाद वही मास्टर रोल "जीरो" से "फुल" कैसे हो गया? यह सवाल अब पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है.बीडीओ के मुताबिक मास्टर रोल पहले "जीरो" था, लेकिन चार दिन में कैसे हो गया "फुल"? यह सवाल पूछने पर BDO का कहना था – "हम तो कर्मचारियों से कहे थे, अब देखवाते हैं।"

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री/प्रभारी मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर, अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक,दिया आवश्यक दिशा निर्देश Read More नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री/प्रभारी मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर, अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक,दिया आवश्यक दिशा निर्देश

यह बयान किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। रोज ₹40,000 की फर्जी हाजिरी से मनरेगा बना 'धन उगाही योजना' – क्या यही है भाजपा की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’? सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सवाल यह है कि जब खंड विकास अधिकारी तक पर नियंत्रण नहीं, तो निचले स्तर पर पारदर्शिता की उम्मीद कैसे की जाए? क्या भाजपा सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करने की इच्छाशक्ति बची है?

डीएम ने रात्रि में किया औचक निरीक्षण, रैन बसेरों की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश Read More डीएम ने रात्रि में किया औचक निरीक्षण, रैन बसेरों की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतने बड़े फर्जीवाड़े के बावजूद ज़िले के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) और DC मनरेगा पूरी तरह से मौन हैं। क्या उनकी चुप्पी में कोई सियासी दबाव है? यह सवाल अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel