सोनभद्र में सोन चेतना का उदय जन समस्याओं के समाधान का नया बिगुल
संगठन का एक मात्र लक्ष्य जनहित, जनचेतना और सशक्तिकरण
सोन चेतना की बैठक संपन्न
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
ओबरा के चिल्ड्रन पार्क में सोन चेतना नामक एक नए संगठन की पहली बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। यह संगठन सोनभद्र जनपद के आम नागरिकों की आवाज बनने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है। बैठक में जनपद की गंभीर और दीर्घकालिक समस्याओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, भ्रष्टाचार और सरकारी उपेक्षा पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सोन चेतना अब सोनभद्र के आम नागरिकों की आवाज को हर संभव मंच पर उठाएगा। संगठन का मुख्य उद्देश्य सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाना, स्थानीय समस्याओं का स्थायी समाधान खोजना और युवाओं व नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। संगठन के अध्यक्ष अभिषेक अग्रहरी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्पष्ट किया कि यह संगठन न किसी राजनीतिक दल का समर्थन करता है और न ही किसी का विरोध। हमारा एकमात्र लक्ष्य जनहित, जनचेतना और जनसशक्तिकरण है।
यह बयान संगठन की निष्पक्षता और जन-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।इस महत्वपूर्ण बैठक में अभिषेक अग्रहरी, गोपाल सिंह, दीपक कुमार गुप्ता, साहिल कुमार, हैप्पी अग्रवाल, अमित शुक्ला, दीपक यादव, सिद्धांत, सत्य प्रकाश, आशीष सोनकर, अजय कुमार, अर्पित और पवन पटेल सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने एकमत होकर संगठन के उद्देश्यों का समर्थन किया और भविष्य में सक्रिय भागीदारी निभाने का संकल्प लिया।
Read More गांवों को रोशन करने के नाम पर करोड़ों का खेल, स्ट्रीट लाइट खरीद में भारी भ्रष्टाचार का आरोपयह उत्साह संगठन के शुरुआती दिनों में ही उसकी मज़बूत नींव का संकेत देता है। बैठक में निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर विशेष जोर दिया गया। जनपद में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ताहालत को सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर जोर दिया गया। पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए व्यापक अभियान चलाने का संकल्प लिया गया। युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों में शामिल करने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए मंच प्रदान करने की योजना बनाई गई।
समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से इन महत्वपूर्ण अभियानों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। संगठन ने अपने समापन वक्तव्य में यह स्पष्ट कर दिया कि अब चुप्पी नहीं, जवाबदेही का समय है। यह नारा सीधे तौर पर सरकारी तंत्र और संबंधित अधिकारियों को एक संदेश है कि अब उन्हें जनता के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा।
सोन चेतना संगठन ने यह भी घोषणा की कि आने वाले समय में वे हर गांव और हर गली तक पहुंचेंगे, ताकि जन समस्याओं के समाधान की इस लड़ाई को एक व्यापक जन-आंदोलन में बदला जा सके। यह देखना दिलचस्प होगा कि सोन चेतना सोनभद्र में किस प्रकार बदलाव लाता है और क्या यह वास्तव में जनपद के लोगों की आशाओं पर खरा उतर पाता है।

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