सोनभद्र से नव्या का ऐतिहासिक आगाज बेटियों को मिलेगा आत्मबल और नई पहचान
एम0एस0डी0ई0एस0 स्किल इण्डिया व मिनिस्ट्री डब्ल्यू0सी0डी0 मिलकर भारत की बेटियों को समक्ष बनाने और विकसित भारत के निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध-महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री भारत सरकार
यह पहल बेटियों के लाईफ डिजिटल स्किल और गैर पारम्परिक क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण देकर आत्म निर्भर बनाने की सार्थक शुरूआत- राज्य मंत्री, कौशल विकास और उद्यमशीलता एवं शिक्षा राज्य मंत्री भारत सरकार
अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जनपद सोनभद्र से आज 16 से 18 वर्ष की किशोरियों को आत्मबल, आत्मविश्वास और नई पहचान देने वाली ऐतिहासिक पहल नव्या का भव्य शुभारंभ हुआ। यह दिन सिर्फ एक परियोजना की शुरुआत नहीं, बल्कि देश की बेटियों को सशक्त, आत्मनिर्भर और जागरूक नागरिक के रूप में गढ़ने की दिशा में एक मजबूत और परिवर्तनकारी कदम है।कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की यह संयुक्त पहल नव्या, केंद्रीय राज्य मंत्रियों द्वारा रिमोट का बटन दबाकर शुरू की गई।

इस अवसर पर भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता एवं शिक्षा राज्य मंत्री तथा महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री, भारत सरकार ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।कौशल विकास और उद्यमशीलता एवं शिक्षा राज्य मंत्री ने इस पहल को बेटियों के लाइफ डिजिटल स्किल और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने की सार्थक शुरुआत बताया। वहीं, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि एम.एस.डी.ई.एस. (कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय) स्किल इंडिया और मिनिस्ट्री डब्ल्यू.सी.डी. (महिला एवं बाल विकास मंत्रालय) मिलकर भारत की बेटियों को समक्ष बनाने और विकसित भारत के निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नव्या का उद्देश्य किशोरियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर, जागरूक और सशक्त बनाना है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से देश के 19 राज्यों के 27 आकांक्षी जिलों में लागू किया जाएगा, ताकि सीमांत क्षेत्रों की बेटियों तक भी समान अवसर पहुंच सकें और वे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें।वर्तमान में, यह योजना 9 राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में पायलट परियोजना के रूप में कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के तहत बेटियों को पीएमकेवीवाई 4.0 (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना) के अंतर्गत गैर-परंपरागत और आधुनिक जॉब रोल्स में प्रशिक्षित किया जाएगा, जैसे, ग्राफिक डिजाइनर,स्मार्टफोन तकनीशियन,ड्रोन असेंबली एक्सपर्ट, इंस्टॉलेशन टेक्नीशियन,प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट
इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर उन्हें पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकलकर रोजगार और उद्यमिता के नए अवसरों से जोड़ना भारत सरकार का लक्ष्य है। इससे बेटियाँ न केवल हुनरमंद बनेंगी, बल्कि आत्मविश्वास के साथ जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकेंगी।नव्या के अंतर्गत किशोरियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया 7 घंटे का एक अतिरिक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है, जो चार प्रमुख मॉड्यूल पर आधारित है। पारस्परिक कौशल स्वच्छता, आत्म-प्रस्तुति, संघर्ष-प्रबंधन,संचार कौशल सक्रिय सुनना और प्रभावी संवाद,कार्यस्थल सुरक्षा पी.ओ.एस.एच. (यौन उत्पीड़न की रोकथाम) और पी.ओ.सी.एस.ओ. (बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण) कानूनों की जानकारी, वित्तीय साक्षरता कमाई और खर्च का संतुलन व बुनियादी वित्तीय समझ
यह प्रशिक्षण न केवल आजीविका के लिए, बल्कि समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए भी एक ठोस आधार देगा। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कहा कि किशोरियों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'नव्या' की शुरुआत की गई है। 16 से 18 वर्ष की किशोरियों, जिन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चिन्हित किया गया है।
उन्हें हम प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के अंतर्गत शॉर्ट टर्म व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। यह प्रशिक्षण केवल रोजगार तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि हमारा प्रयास होगा कि ये बेटियाँ छोटे-छोटे व्यापार और स्वयं के उद्यम स्थापित करने में भी सक्षम बन सकें। इस परिवर्तनकारी कार्यक्रम की शुरुआत आज उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से हो रही है जो न केवल अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, बल्कि एक महत्वपूर्ण जनजातीय और आकांक्षी जिला भी है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने 'नव्या' के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि 'नव्या' कार्यक्रम किशोरियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह हमारी साझा प्रतिबद्धता है कि हम किशोरियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी और सशक्त नागरिक बनने के योग्य बनाएं। यह पहल उन्हें न केवल हुनर प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और सम्मानजनक जीवन की ओर भी अग्रसर करेगी।
उल्लेखनीय है कि नव्या के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु डिस्ट्रिक्ट स्किल कमेटियों को सशक्त किया जा रहा है ताकि किशोरियों को स्थानीय कौशल योजनाओं, रोजगार मेलों, और उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जा सके। यह पहल न सिर्फ स्किलिंग का माध्यम है, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता और सशक्तिकरण अभियान भी है, जो देश की बेटियों को आत्मबल और नई पहचान देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। नव्या के शुभारम्भ के इस ऐतिहासिक अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम को कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने और भी विशेष बना दिया। माननीय छोटेलाल सिंह खरवार, सांसद (लोकसभा) एवं भूपेश चैबे, विधायक (रॉबर्ट्सगंज, सोनभद्र) ने समारोह को संबोधित करते हुए जनजातीय समाज के सतत विकास में ऐसे प्रयासों की महत्ता पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर पूर्व सांसद राम शकल, जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह, पुलिस अधीक्षक तथा मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी की सक्रिय उपस्थिति और सहभागिता रही।
कार्यक्रम में सोनल मिश्रा (अतिरिक्त सचिव, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय) और पंकज श्रीवास्तव (स्टेटिस्टिकल एडवाइजर, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय) ने आयोजन को नीतिगत दिशा प्रदान की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और पीएम विश्वकर्मा के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए।यह कार्यक्रम वास्तव में सोनभद्र की बेटियों के लिए एक नए और उज्ज्वल भविष्य की नींव रखेगा।

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