हिंडाल्को में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई यूनियन नेता बीएन सिंह कार्यमुक्त, प्राथमिकी दर्ज न होने पर उठे सवाल,

मजदूर नेता डब्ल्यू सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी मुहिम

हिंडाल्को में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई यूनियन नेता बीएन सिंह कार्यमुक्त,   प्राथमिकी दर्ज न होने पर उठे सवाल,

हिंडाल्को इंडस्ट्रीज रेनुकूट का मामला

अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

रेनुकूट /सोनभद्र-

 हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रबंधन ने गुरुवार, 05 जून 2025 को एक बड़ा और निर्णायक फैसला लिया है। नौकरी के बदले पैसे के गंभीर मामले में नाम सामने आने के बाद यूनियन नेता बीएन सिंह को तत्काल प्रभाव से उनकी सेवाओं से कार्यमुक्त कर दिया गया है।

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सूत्रों के मुताबिक बीएन सिंह पर कंपनी में भर्ती प्रक्रिया के दौरान पैसे के लेन-देन में सीधे तौर पर शामिल होने का गंभीर आरोप था। इस मामले की गहन जांच के बाद हिंडाल्को प्रबंधन ने बिना देरी किए उन्हें कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया,यह बड़ी कार्रवाई हिंडाल्को के क्लस्टर हेड समीर नायक और मानव संसाधन प्रमुख जसबीर सिंह के सीधे नेतृत्व में की गई है।

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इस कदम से प्रबंधन ने साफ संदेश दिया है कि हिंडाल्को में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार और अनैतिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे दोषी कोई भी व्यक्ति क्यों न हो, विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो बीएन सिंह पर की गई इस कार्रवाई के बाद कंपनी के भीतर भ्रष्टाचार में संलिप्त अन्य लोगों पर भी शिकंजा कस सकता है। ऐसी प्रबल संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी कई नाम सामने आ सकते हैं, जो ट्रांसफर, पोस्टिंग और अन्य आंतरिक प्रक्रियाओं में गंभीर गड़बड़ियों और वित्तीय अनियमितताओं में शामिल रहे हैं।

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यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़े अभियान की शुरुआत हो सकती है, जिससे कंपनी में फैली अनियमितताओं का पूरा खुलासा हो सके।हिंडाल्को प्रबंधन का यह कठोर कदम संस्था की पारदर्शिता और अपने नैतिक मूल्यों के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह फैसला न केवल एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है, बल्कि यह आने वाले समय में कंपनी की आंतरिक व्यवस्था को भी मजबूत करने वाला साबित हो सकता है।

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प्रबंधन यह स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि संगठन में किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधि के लिए कोई जगह नहीं है। हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड में कार्यरत कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष ब्रह्मानंद सिंह (जिन्हें अब कार्यमुक्त कर दिया गया है) पर एक मजदूर कर्मचारी भाई से नौकरी लगाने के नाम पर ₹5 लाख वसूलने का आरोप है।

आरोप है कि ब्रह्मानंद सिंह ने जाली ऑफर लेटर और कूटरचित नियुक्ति पत्र बनाकर, जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर भी थे, पीड़ित से यह मोटी रकम ऐंठी थी। पीड़ित मजदूर दर-दर की ठोकरें खाने के बाद इस मामले को लेकर सामने आया और उसने समस्त साक्ष्यों के साथ एचआर हेड जसबीर सिंह और सीईओ समीर नायक के संज्ञान में यह मामला लाया। इसी के परिणामस्वरूप,आज दिनांक 5 जून 2025 को ब्रह्मानंद सिंह को कंपनी से सेवामुक्त कर दिया गया है।

हालांकि, इस कार्रवाई के बावजूद यह सवाल उठ रहा है कि ब्रह्मानंद सिंह द्वारा जाली नियुक्ति पत्र बनाने,कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और पीड़ित से पैसे वसूलने जैसे गंभीर अपराधों पर कोई एफआईआर (FIR) दर्ज क्यों नहीं की गई है। यही कारण है कि लोग कंपनी के प्रबंधन द्वारा न्याय न मिलने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होते हैं।

इसी तरह, यूनियन के मंत्री नीलेश सिंह और गणेश पांडेय पर भी कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं। न्यायालय द्वारा उन पर धारा 419, 420, 467, 468, 471, 504, 506 जैसी गंभीर धाराओं में धोखाधड़ी और लूट-खसोट के मामले पंजीकृत हैं। इसके बावजूद यह समझ से परे है कि प्रबंधन के उच्च अधिकारी ऐसी दलाल यूनियनों के उन मंत्रियों व पदाधिकारियों को ब्लैकलिस्ट क्यों नहीं करते, जिन पर शोषण के गंभीर आरोप हैं।

जब तक न्यायालय से वे बरी नहीं हो जाते, उन्हें किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित या कार्यभार से निलंबित क्यों नहीं किया जाता प्रबंधन की यह अनदेखी गंभीर सवालों को जन्म देती है, क्योंकि इतनी बड़ी-बड़ी घटनाओं में शामिल होने के बाद भी ये लोग अपने पद पर बने रहकर संस्थान के अंदर पीड़ितों को परेशान करने और अपने साथ कुछ अन्य अधिकारियों को मिलाकर साक्ष्य मिटाने का लगातार प्रयास करते रहेंगे।

उच्च अधिकारियों की कार्यशैली पर भी खुलासा जल्द मजदूर नेता डब्ल्यू सिंह का बड़ा आरोप

बताया जा रहा है कि प्रबंधन की इस कथित अनदेखी के कारण उच्च पदों पर बैठे सुरेंद्र तिवारी और योगेंद्र सिंह जैसे अधिकारियों की कार्यशैली का खुलासा भी जल्द ही किया जाएगा। आरोप है कि इन अधिकारियों द्वारा नए-नए संविदाकारों को टेंडर के बहाने बुलाने और उनसे धन वसूली करने की प्रक्रिया चल रही है।

. इसका मकसद नए संविदाकार के आने के बाद पूर्व में संविदा पर कार्य कर रहे मजदूर भाइयों की ग्रेच्युटी और अन्य पावनाओं के साथ लूट-खसोट करना है, जिससे नौजवान संविदा मजदूर व कर्मचारी भारी जवानी में दर-दर की ठोकरें खाकर बुढ़ापे में तब्दील हो जाएं और नए मजदूर कैंडिडेट से धन वसूली हो सके।

मजदूर नेता डब्ल्यू सिंह की ललकार प्रभु का दास और जनता का सेवक हूं, गलत का विरोध करता रहूंगा

इन आरोपों को लेकर कड़ी चेतावनी दी गई है कि हिंडाल्को जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का नाम बदनाम करने वाले और इन दलाल यूनियनों को समर्थन देने वाले इन उच्च अधिकारियों पर यदि जल्द ही कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो जुलाई माह में मजदूर साथी अपने शोषण और अधिकारों के लिए धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

इसकी समस्त जिम्मेदारी हिंडाल्को प्रबंधन में बैठे उच्च अधिकारियों की होगी। इस पूरे मामले का पर्दाफाश करने वाले मजदूर नेता निशा सिंह की टीम के डब्ल्यू सिंह ने अपनी आवाज उठाई है, जिससे दलालों पर उचित कार्रवाई हुई है। डब्ल्यू सिंह का कहना है कि अगर जमीनी हकीकत से जांच की जाए तो इसमें बहुत से अधिकारी लिप्त पाए जाएंगे।

डब्ल्यू सिंह ने मांग की है कि जितने भी यूनियन के दलाल नेता हैं, उनको निरस्त किया जाए और निष्पक्ष लोगों को नौकरी दी जाए। उन्होंने मजदूर यूनियन का चुनाव कराकर एक अच्छे नेता को सामने लाने की बात कही है, जो मजदूरों के साथ कदम से कदम मिलाकर उनका साथ दे। उन्होंने मजदूरों से अपील की है कि वे ऐसे दलाल नेताओं के चंगुल में न फंसें और उनके विरोध में सामने आकर आवाज उठाएं, जिससे भ्रष्टाचार और दलाल लोगों का पर्दाफाश हो सके और मजदूरों का शोषण रोका जा सके।

डब्ल्यू सिंह ने अंत में कहा, मैं प्रभु का दास हूं और जनता का सेवक हूं, अब मजदूरों का भाई हूं. जो भी गलत करेगा मैं गलत का विरोध करता रहूंगा, चाहे मेरी जान क्यों न चली जाए। मजदूरों के साथ कभी गलत नहीं होने देंगे, क्योंकि कोई भी फैक्ट्री या ढांचा बिना मजदूर के बिना खड़ा नहीं हो सकता, मजदूर एकता जिंदाबाद। उन्होंने सभी मजदूरों से हाथ जोड़कर निवेदन किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करें और एकजुट रहें।

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