गोरखपुर सिकरीगंज पुलिस कर्मियों पर गौशाला संचालक के साथ मारपीट और लूट का गंभीर आरोप

प्रद्युम्न सिंह की आपबीती,सांड ले जा रहे थे शासVनादेश पर, पुलिस ने पीटा, गालियाँ दीं और सोने का चैन छीना

गोरखपुर   सिकरीगंज पुलिस कर्मियों पर गौशाला संचालक के साथ मारपीट और लूट का गंभीर आरोप

ब्यूरो/ एस एम त्रिपाठी (गोरखपुर ब्युरो)

गोरखपुर/सिकरीगंज, 1 जून 2025: सिकरीगंज थाना क्षेत्र में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। ग्राम बन्हेंता निवासी और नंदिनी कृषक योजना के तहत गौशाला संचालक प्रद्युम्न सिंह ने पुलिस पर मारपीट, अभद्र व्यवहार और लूट के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनकी तहरीर के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने न केवल उनके साथ बर्बरता की, बल्कि उनकी लाइसेंसी रिवॉल्वर, मोबाइल और 45 ग्राम का सोने का चैन भी छीन लिया।

मीडिया  वार्ता में प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि 1 जून 2025 को खजनी पशु चिकित्साधिकारी के आदेश पर वे हरिहरपुर स्थित सरकारी गौशाला से एक सांड को अपनी निजी गौशाला ले जा रहे थे। दुधरा चौराहे पर उप-निरीक्षक अरविंद यादव ने उन्हें रोककर पूछताछ शुरू की। प्रद्युम्न ने जब शासनादेश दिखाया, तब भी पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी।

तभी तीन गाड़ियों में सवार छह पुलिसकर्मी—शिवम पांडेय, सत्येंद्र चौधरी, नरेंद्र यादव और अन्य—वहां पहुंचे।प्रद्युम्न के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने बिना कारण गालियाँ दीं, उन्हें बेरहमी से पीटा और शिवम पांडेय ने उनकी रिवॉल्वर, लाइसेंस, मोबाइल और सोने का सिंकड  जबरन छीन लिया। मारपीट में उन्हें गंभीर चोटें आईं। थानाध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद मोबाइल, रिवॉल्वर और लाइसेंस तो वापस मिल गया, लेकिन 45 ग्राम का सोने का सिंकड अब तक नहीं लौटाया गया।न्याय की गुहार, जनता में गुस्साप्रद्युम्न सिंह ने सिकरीगंज थाने में तहरीर देकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सोने का चैन वापस दिलाने की मांग की है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिला तो वे धरना-प्रदर्शन करेंगे।पुलिस की चुप्पी, सवाल बरकरार पुलिस विभाग ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। क्षेत्र में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है, और लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर भी इस घटना की निंदा हो रही है, जहां लोग निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।सवाल जो मांग रहे जवाबक्या पुलिस की वर्दी अब आम आदमी के लिए डर का सबब बन रही है?शासनादेश का पालन करने वाले नागरिक के साथ ऐसी बर्बरता क्यों?क्या प्रद्युम्न सिंह को उनका सोने का चैन (सिंकड)  और न्याय मिलेगा ? लोग इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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