सोनभद्र के डाला में भीषण सड़क हादसा, गलत साइड से आई बालू कारोबारी की बोलेरो ने मारी कमांडर में जोरदार टक्कर, कई लोग घायल
पत्रकार-पुलिस में तीखी झड़प, पुलिस अधिकारी के व्यवहार पर उठे सवाल, पत्रकारों में आक्रोश
चोपन थाना क्षेत्र की घटना
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
27 मई, 2025 (रात्रि 10:00 बजे) सोनभद्र जिले के डाला- तेलगुड.वा मार्ग पर मंगलवार की रात्रि में एक भीषण सड़क हादसा हो गया, जिसमें बोलेरो और कमांडर की आमने-सामने की जोरदार टक्कर हो गई। दुर्घटना में कमांडर में सवार लगभग 8 लोगों को चोटें आई हैं, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि कुछ को हल्की चोटें आई हैं।
घायलों में चार महिलाएं, तीन बच्चे और ड्राइवर सहित दो पुरुष शामिल हैं। कुछ लोगों के सिर, हाथ, कमर और छाती में गंभीर चोटें आई हैं, जिनकी गंभीर हालत को देखते हुए एक महिला और दो पुरुष घायलों को जिला सामुदायिक केंद्र रेफर कर दिया गया है। बोलेरो में ड्राइवर सहित कुल दो पुरुष सवार थे।
Read More नाबालिग ट्रैक्टर चालक बना काल, दो युवकों को रौंदा—एक की मौके पर मौत, दूसरे ने अस्पताल में तोड़ा दममिली जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब दुद्धी के निवासी, जो ओबरा-खैरटीया गांव में अपने रिश्तेदारों के यहां रिश्तेदारी करके गए थे, वहां से अपने घर दुद्धी के लिए लौट रहे थे। रात्रि लगभग 10:00 बजे, तेलगुड.वा से थोड़ा आगे जहां बालू डंपिंग का कार्य चल रहा है, वहीं से यह हादसा हुआ।
सूत्रों व स्थानीय लोगों के अनुसार यह बोलेरो एक बालू व्यवसायी की बताई गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार बालू डंपिंग की तरफ से अचानक सड़क पर गलत दिशा में आ जाने से दुद्धी जाने वाली कमांडर गाड़ी उससे जा टकराई। बोलेरो का नंबर
UP64AX4718 है।प्रत्यक्षदर्शियों और आसपास मौजूद लोगों के अनुसार, बोलेरो बालू डंपिंग की तरफ से अचानक रोड पर आ गई और कमांडर में जा टकराई, जिसके कारण यह अप्रत्याशित और भीषण टक्कर हुई। टक्कर इतनी तेज थी कि कमांडर में बैठे कई लोगों को गंभीर चोटें आईं।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंची और घायलों को बिना देरी किए एंबुलेंस से चोपन सामुदायिक केंद्र ले जाया गया, जहाँ उनका तत्काल इलाज शुरू कर दिया गया है। घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय पत्रकार दुर्घटना की तस्वीरें और वीडियो ले रहे थे, तभी चोपन थाना के एक सब-इंस्पेक्टर ने उन्हें फोटो खींचने से मना कर दिया और उनका आइडेंटिटी कार्ड मांगा जिसके क्रम में पत्रकार ने बताया कि वे 24 घंटे आइडेंटिटी कार्ड लेकर नहीं चलते और बाद में दिखाने की बात कही, लेकिन सब-इंस्पेक्टर ने उनकी बात नहीं सुनी और बहस करने लगे।
पत्रकार ने इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि क्या ज़माना है, सच्चाई की आवाज़ उठाने वाले लोगों को सब-इंस्पेक्टर द्वारा रोका जा रहा है। जहाँ सब-इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर यह भी कहा कि अब ऐसा नहीं होगा, मैं अलग किस्म का इंस्पेक्टर हूं। इस पर पत्रकार ने अधिकारी के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाई साहब आप इंस्पेक्टर होंगे मगर जनता के लिए हैं और पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान के लिए हैं।
फिलहाल, पुलिस ने इस मामले की गहन जाँच शुरू कर दी है, ताकि दुर्घटना के कारणों और जिम्मेदारियों का पता लगाया जा सके। इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और पत्रकारों के अधिकारों को लेकर बहस छेड़ दी है, खासकर ऐसी परिस्थितियों में जब वे सार्वजनिक हित की खबरें कवर कर रहे होते हैं। इंस्पेक्टर के इस तरह के व्यवहार को लेकर स्थानीय लोगों और पत्रकार समुदाय में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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