अनूपलाल यादव महाविद्यालय में "मौलाना अल्ताफ हुसैन हाली" पर कार्यशाला आयोजित
त्रिवेणीगंज बिहार सुपौल
पानीपत के अजीम शायर और समाज सुधारक मौलाना अल्ताफ हुसैन हाली के साहित्यिक योगदान पर आधारित एक कार्यशाला का आयोजन अनूपलाल यादव महाविद्यालय में किया गया।कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयदेव प्रसाद यादव के संरक्षण एवं उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो. मो. सफीकुल हक की अध्यक्षता में, आईक्यूएसी के समन्वयक प्रो. अशोक कुमार द्वारा किया गया।कार्यशाला का विषय था - "मौलाना अल्ताफ हुसैन हाली से अपनी वाकफियत का इजहार करें"।
उनका जन्म 1837 में हरियाणा के पानीपत में हुआ था और 31 दिसंबर 1914 को उनका निधन हुआ। हाली ने "हयात-ए-सादी", "यादगार-ए-गालिब" और "हयात-ए-जावेद" जैसी अमूल्य कृतियाँ लिखीं, जो आज भी साहित्य प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि हाली ने अतिशयोक्ति से परहेज करते हुए सच्चाई और सरलता से समाज के ज्वलंत मुद्दों को अपनी रचनाओं में स्थान दिया। उन्हें आधुनिक नज्म का प्रथम निर्माता भी कहा जाता है।उनका साहित्य संयम, सहनशीलता और उच्च दृष्टि का जीवंत उदाहरण है।
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कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. अशोक कुमार, प्रो. सुरेंद्र प्रसाद यादव, प्रो. सूर्यनारायण यादव, डॉ. सदानंद यादव, प्रो. महेश सराफ सहित कई शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम में रूबी परवीन, तमन्ना प्रवीण, सबीना प्रवीण, रूही प्रवीण, तरन्नुम आरा, जाहिदा खातून, साजदा खातून, पलकी खान, सजदा प्रवीण, मुसर्रत प्रवीण, नूरजहां तथा अन्य ने सक्रिय सहभागिता की।

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