भाकपा माले का 57वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया

, गरीबों और शोषितों की आवाज बनने का संकल्प

भाकपा माले का 57वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया

त्रिवेणीगंज  बिहार, सुपौल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन यानी भाकपा माले का 57वां स्थापना दिवस मंगलवार को छातापुर प्रखंड के राजेश्वरी पूर्वी गांव स्थित कार्तिक शाह के निजी आवास पर धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माले नेता नवल किशोर मेहता ने की, जबकि इसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए।

स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए भाकपा माले सुपौल जिला सचिव जयनारायण यादव ने कहा कि पार्टी की स्थापना 22 अप्रैल 1969 को गरीब, भूमिहीन और शोषित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए की गई थी। उन्होंने कहा कि यह पार्टी नक्सलबाड़ी आंदोलन की उपज है, जिसने देश के सबसे दबे-कुचले वर्गों को आवाज दी।

सभा में जिला कमेटी सदस्य डॉ. अमित चौधरी ने वर्तमान राजनीतिक हालात पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आज एनडीए सरकार के शासन में बिहार में सत्ता संरक्षित अपराधियों का बोलबाला है। आरा में हाल ही में पिछड़ी जातियों के लोगों की हत्या इसी मानसिकता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि भाकपा माले की जरूरत आज और भी ज्यादा है, क्योंकि यह पार्टी गरीबों, किसानों और मजदूरों की सच्ची प्रतिनिधि है।


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किसान महासभा के अध्यक्ष अच्छेलाल मेहता ने भाकपा माले के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि इस पार्टी के सशक्त होने से गरीब और वंचित वर्गों को नई ताकत मिली है। उन्होंने नक्सलबाड़ी आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि इस विद्रोह ने भारतीय राजनीति में एक क्रांतिकारी मोड़ ला दिया था। सभा में यह भी घोषणा की गई कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाकपा माले पूरी ताकत से उतरकर भाजपा और सामंतवादी ताकतों को हराने का काम करेगी।

इस मौके पर राजेश्वर यादव, तरनी यादव, रामानंद यादव, छोटेलाल यादव, सुरेश मंडल, सच्चेद्र यादव, जगदेव शर्मा, हीरा देवी, बिभा देवी, चुन्नी देवी, निरसी देवी, राजो देवी, लीला देवी, मो. रहमान, रंजीत राम, सत्यनारायण शर्मा, पंचू शर्मा, झीनगर ऋषिदेव और सुनील मेहता सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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