शिवद्वार धाम में धूमधाम से मनाई गई रामनवमी, 76वीं रामलीला का हुआ भव्य आयोजन
भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की लीला का मंचन प्रारंभ हुआ।
8 अप्रैल को फुलवारी लीला और 9 अप्रैल को धनुष भंग की लीला के साथ रामलीला का समापन ।
अमित मिश्रा ( संवाददाता)
जनपद सोनभद्र के सुप्रसिद्ध मंदिर स्थल शिवद्वार धाम पर इस वर्ष भी रामनवमी महापर्व के पावन अवसर पर श्री शंकर रामलीला समिति के कुशल तत्वाधान में परंपरागत रूप से 76वीं रामलीला का भव्य आयोजन किया गया।रामलीला का शुभारंभ जगत जननी मां जगदम्बा एवं देवाधिदेव महादेव की प्रार्थना के साथ हुआ। इस अवसर पर राजू शुक्ला, सचितानंद मिश्र, जगदीश मिश्र, अनंत, ब्रह्मानंद, राजेश्वर रामशुक्ल, बृजेश शुक्ल, गणेश विश्वकर्मा, अंगद विश्वकर्मा आदि ने भक्तिभाव से प्रार्थना की। इसके पश्चात सचितानन्द मिश्र ने सूत्रधार के रूप में सभी का अभिवादन किया। भगवान शंकर जी की आरती के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला चलता रहा।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की लीला का मंचन प्रारंभ हुआ, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने भगवान श्रीराम के जन्म की मनमोहक लीला का दर्शन कर खूब आनंद उठाया और लाभान्वित हुए।कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें कृष्ण कांत दुबे (ग्राम प्रधान गावकुंडा), रविंद्र कुमार मिश्र (अध्यक्ष, शिवद्वार धाम समिति), सियाराम यादव (ग्राम प्रधान सत्तद्वारी), विनीत तिवारी (जिलाध्यक्ष, सोनभद्र युवा अधिकार मंच), श्यामविहारी दुबे (सूबेदार मेजर, थल सेना - भारत), सुरेश और रविकांत मिश्र आदि प्रमुख थे। इन सभी के कुशल मार्गदर्शन में रामलीला की आरती हुई और अगले क्रम की लीला प्रारंभ की गई। इस दौरान सभी भक्तों ने "जय श्रीराम" के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
श्री शंकर रामलीला समिति के पदाधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, रामनवमी पर आयोजित यह रामलीला चार दिवसीय है। 6 अप्रैल 2025 को रात्रि 9 बजे से रामजन्म उत्सव का मंचन हुआ। इसके बाद 7 अप्रैल को ताड़का वध, 8 अप्रैल को फुलवारी लीला और 9 अप्रैल को धनुष भंग की लीला के साथ रामलीला का समापन होगा।शिवद्वार धाम में आयोजित इस भव्य रामलीला में ग्रामवासी, क्षेत्रवासी और आयोजक श्री शंकर रामलीला समिति के पदाधिकारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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