बलरामपुर में राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय में भ्रष्टाचार की आंशका

सुविधाओं की स्थिति दयनीय

बलरामपुर में राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय में भ्रष्टाचार की आंशका

पचपेड़वा क्षेत्र के विशुनपुर विश्राम स्थित राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय में कथित भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों के बाद, विद्यालय की व्यवस्थाओं में सुधार की जरूरत महसूस हो रही है।
 
 कबाड़ बेचने का आरोप
बलरामपुर जिले के पचपेड़वा विकासखंड स्थित विशुनपुर विश्राम में स्थित राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगभग 10,000 लीटर पानी की क्षमता वाली टंकी का निर्माण किया गया था। परंतु, यह टंकी खराब और जर्जर हालत में इसको खुलवाकर इस लोहे के कबाड़ को विद्यालय परिसर में रखवा दिया गया था और इसकी नीलामी किए बिना विद्यालय कर्मियों द्वारा लाखों रुपये के कबाड़ को चोरी-छुपे बेचने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों का कहना है कि यह टंकी पूरी तरह से जंग लगी और खस्ताहाल थी ।
 
अग्नि सुरक्षा उपकरणों का घातक अभाव
राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय में लगभग 30 अग्नि शमन यंत्र (फायर एक्सटिंगुइशर) लगाए गए थे, लेकिन उनमें से अधिकांश गैस विहीन और खराब हालत में हैं। यह विद्यालय के बच्चों के जीवन के लिए एक गंभीर खतरे का कारण बन सकता है। सुरक्षा उपकरणों का खराब होना और उनका रख-रखाव न होना छात्रों की जान को जोखिम में डाल सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इस पर जल्दी ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।
 
खराब भोजन और अस्वच्छ शौचालय
विद्यालय में भोजन की गुणवत्ता भी एक बड़ी समस्या बन गई है सूत्रों के अनुसार, कई बालिकाओं ने खराब भोजन के कारण विद्यालय छोड़ने का मन बना लिया है। यह समस्या न केवल बच्चों की सेहत को प्रभावित कर रही है, बल्कि विद्यालय की छवि को भी धूमिल कर रही है। इसके साथ ही विद्यालय के शौचालय भी पूरी तरह से गंदे हैं, जिससे बदबू और अस्वच्छता का माहौल बना हुआ है। इससे विद्यालय में स्वास्थ्य समस्याओं के उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गई है।
 
कूड़ा नाशक पैड मशीन की खराबी
विद्यालय में रखी कूड़ा नाशक पैड मशीन भी खराब अवस्था में पड़ी हुई है जिससे शौचालयों की सफाई और कूड़ा निपटान की समस्या बढ़ गई है। इस स्थिति में, अगर कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न होती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? स्थानीय लोग इस पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं और अधिकारियों से जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान करने की मांग कर रहे हैं।
 
भारी धन की बर्बादी कोई सुधार नहीं
विद्यालय में सरकार द्वारा भारी धन खर्च किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य थारू बालिकाओं को शिक्षित और स्वस्थ बनाना है। हालांकि, इस धन का बड़ा हिस्सा बर्बाद हो रहा है, क्योंकि विद्यालय की बुनियादी सुविधाओं की स्थिति अत्यंत खराब है।
 
निष्पक्ष जांच की आवश्यकता
शिकायत करता ने जिलाधिकारी महोदय से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जांच हो तो कई लोगों की जवाबदेही तय की जा सकती है और यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। विद्यालय के परियोजना बाबू प्रदीप कुमार ने मोबाइल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विद्यालय से कोई सामग्री गायब नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि खराब भोजन और अन्य समस्याओं के चलते कई बालिकाएं विद्यालय छोड़ने की सोच रही हैं।
 
निष्कर्ष
राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय विशुनपुर विश्राम में भ्रष्टाचार, लापरवाही और सुविधाओं की कमी की घटनाएं इस विद्यालय की गंभीर स्थिति को दर्शाती हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि इस विद्यालय में हुई भारी बर्बादी और लापरवाही से बालिकाओं का भविष्य संकट में पड़ सकता है। ऐसे में जिलाधिकारी से तत्काल जांच और सुधार की मांग की जा रही है ताकि इस विद्यालय के बच्चों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

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