ओबरा नगर पंचायत को मिलेगी नई पहचान चार दशक बाद बनेगा अपना कार्यालय, नया छठ घाट ।
शासन स्तर से जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया तेज
राजेश तिवारी (संवाददाता)
जिले की दूसरी सबसे बड़ी नगर पंचायत ओबरा अब विकास की नई राह पर अग्रसर है। चार दशकों से किराए के भवन में संचालित हो रहा नगर पंचायत कार्यालय अब अपना स्थायी भवन पाएगा। साथ ही शहरवासियों को एक नए छठ घाट की सौगात भी मिलेगी।लगभग 60 हजार की आबादी वाले 18 वार्डों में बंटे ओबरा नगर पंचायत का कार्यालय पिछले कई वर्षों से तापीय परियोजना के आवासीय कॉलोनी परिसर में उधार के भवन में चल रहा था।
अब मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना के तहत लगभग 3.30 करोड़ रुपये की लागत से नवीन तहसील भवन के पास एक नया नगर पंचायत कार्यालय भवन बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।ओबरा की स्थापना तापीय परियोजना की स्थापना के दौरान पांच दशक पहले हुई थी। 1967 में ओबरा टाउन एरिया अस्तित्व में आया और 1975 में अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति हुई।
लेकिन तब से नगर पंचायत कार्यालय तापीय परियोजना के आवासीय भवन में ही संचालित हो रहा था। अब नए कार्यालय के निर्माण से नगर पंचायत कर्मचारियों को कामकाज करने में सुविधा होगी और शहर के विकास को भी गति मिलेगी।नए कार्यालय के साथ-साथ ओबरा शहर को एक नया छठ घाट भी मिलने जा रहा है। इससे छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधा होगी और घाट की सुंदरता भी बढ़ेगी। नए कार्यालय भवन और छठ घाट के निर्माण से ओबरा नगर पंचायत की तस्वीर बदलने की उम्मीद है। यह विकास कार्य शहरवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगे और ओबरा को एक नई पहचान देंगे।

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