अग्नि से बचाव की व्यवस्था किए बगैर ही  चलाये जा रहे है अस्पताल

800 निजी अस्पतालो में से अधिकतम 10 फीसदी यानी मात्र 80 अस्पतालों में ही मानक  है पूरे 

अग्नि से बचाव की व्यवस्था किए बगैर ही  चलाये जा रहे है अस्पताल

हजारों छात्र व मरीजों की ज़िन्दगी से हो रहा खिलवाड़

संवाददाता तामीर हसन शीबू 

जौनपुर। झांसी के निजी चिकित्सालय में 10 मासूमों की मौत के बाद भी जौनपुर में स्वास्थ्य विभाग सहित जिला प्रशासन के अधिकारी हरकत में नहीं आ रहे हैं। जबकि जिले के मेडिकल कॉलेज से लगायत अधिकतर प्राइवेट अस्पतालो में आग से बचाव के उपकरण नहीं हैं। जनपद के लगभग 800 निजी अस्पतालो में से अधिकतम 10 फीसदी यानी मात्र 80 अस्पतालों में ही मानक पूरे हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं।उमानाथ सिंह स्वशासी मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक भवन में केवल आग से बचाव के उपकरण हैं।

इसके अलावा ओपीडी, पैथोलॉजी, ऑफिस, लाइब्रेरी में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। अगर कभी यहां अगलगी की घटना हुई तो बड़ा हादसा हो सकता है। अग्निशमन विभाग द्वारा यहां के लिए एनओसी ही नहीं दिया गया और शैक्षणिक संस्थान, ओपीडी, हास्टल आदि सारी व्यवस्थाएं चालू हैं। जिससे यहां हजारों छात्र व मरीजों की जिंदगियों से खिलवाड़ हो रहा है।

इसके अलावा जनपद मुख्यालय पर शहर के नईगंज, वाजिदपुर से पालीटेक्निक, वाजिदपुर से जेसीज चौराहा क्षेत्र में करीब 350 हास्पिटल हैं। इसमें भी अधिकतर किराए के भवन में चल रहे हैं। यहां पर जब अग्निशमन विभाग की टीम जांच करने पहुंचती हैं तो वहां किराएदार होने का रोना रोया जाता है।

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मकान मालिकों का कहना होता है कि यहां पर तीन से चार लाख का उपकरण लगा दे और यह चिकित्सक कभी भी चले जाएंगे। तो आगे इसका उपयोग कौन करेगा। ऐसे में ज्यादातर फायर एक्टेंग्विशर लगाकर काम कर रहे हैं। ऐसे में यहां भी कभी बड़ी घटना हुई तो बचाव के उपाय नाकाफी साबित होंगे।जिला महिला चिकित्सालय की नई बिल्डिंग में लगे उपकरण देखरेख के अभाव में जंग खा रहे हैं।

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ऐसे में आग लगी तो मरीजों व उनके तीमारदारों को बचा पाना मुश्किल होगा।जिला चिकित्सालय में अभी तक पुरानी व्यवस्था के तहत आग से बचाव के उपकरण लगाए गए थे। खबर मिली है कि अब शासन से अनुमति मिलने के बाद जिला चिकित्सालय में 2.75 करोड़ से अग्निशमन के नए उपकरण लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इस तरह अगर गौर करें तो जनपद में अग्नि से बचाव की व्यवस्था किए बगैर ही अस्पताल चलाये जा रहे है।

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