नल मरम्मत व रिबोर के नाम लाखों खर्च फिर भी नलों के हाल बदहाल

बूंद बूंद शुद्ध पानी को तरस रहे ग्रामवासी

नल मरम्मत व रिबोर के नाम लाखों खर्च फिर भी नलों के हाल बदहाल

लखीमपुर खीरी मामला विकासखंड नकहा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत का है जहां पर नल रिबोर व मरम्मत के नाम पर लाखों का बजट निकाल कर हजम कर लिया गया। पर इंडिया मार्का हैंडपंप आज भी अपनी बदहाली की दास्तान बया करते हुए भ्रष्टाचार की अनमोल कहानी बयां कर रहे है ।बताते चलें पूरा मामला ब्लाक नकहा की ग्राम पंचायत बढईडीहा का है जहां पर फर्जी फोटो व जांच रिपोर्ट लगाकर प्रशासन को गुमराह करके शिकायतों का निस्तारण कर दिया जाता है।जब के हैंडपंप रिबोर और मरम्मत के नाम पर भारी फर्जी वाडे के आरोप लगाए जा रहे हैं।
 
ग़ौरतलब हो कि विकासखंड नकहा के ग्राम पंचायत बढईडीहा में इंडिया मार्का हैं डपंपों की मरम्मत और रिबोर में भारी फर्जी वाडा का खेल खेले जाने का मामला चर्चा का विषय बना है। लोगों का आरोप है कि हैंडपंप मरम्मत और रिबोर के नाम पर लाखों रुपए भले ही निकल गए हैं लेकिन ग्रामीणों को शुद्ध पानी आज तक नसीब नहीं हुआ है। कई हैंडपंप खराब पड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहे हैं। ग्राम वासी गणों के बताएं अनुसार कई महीनो से खराब पड़े हैं हैंड पंप को सही करने के लिए एक डी ओ पंचायत से लेकर ग्राम प्रधान व सचिव से काफी मिन्नतें की गई लेकिन हैंड पंप सही नहीं हुआ।
 
जांच अधिकारी/ जिम्मेदारों ने पानी देते हुए नल का फोटो लगाकर कागजों पर शिकायत का फर्जी तरीके से निस्तारण कर दिया ।अब देखना है कि उक्त मामले में ऊंट किस करवट बैठता है होती है कार्यवाही या फिर पूर्व की तरह जिला प्रशासन को गुमराह कर कर दिया जाएगा मामला रफा दफा। केस नंबर.2. ठीक यही मामला ग्राम पंचायत बेल खुर्द का है जहां पर काफी दिनों से इंडिया मार्का हैंडपंप खराब पड़ा है। जिससे गांव के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। यहां तक की आने-जाने वाले प्यासे लोगों को पानी नसीब नहीं हो पा रहा है।
 
जबकि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की मंशा से नए हैंडपंप लगवाने व खराब पड़े नलों की मरम्मत करने को लाखों का बजट ग्राम पंचायतो को दिया उसके बाद भी नल खराब पड़े देखे जा सकते हैं। क्योंकि सचिव ,प्रधान की मिली भगत से फर्जी तरीके से रुपया निकालने का काम करते हैं। प्रधान, पंचायत मित्र और सचिव मिलकर सरकारी धन का बंदरबांट कर अपनी अपनी तिजोरिया तो भर लेते हैं लेकिन ग्राम पंचायत की स्थिति जस की तस बनी रहती है ।यदि मामले की  गठित उच्च स्तरीय जांच टीम द्वारा कराई जाए निष्पक्ष जांच तो हकीकत स्वयं सामने आ जाएगी और कई ईमानदार चेहरों पर से ईमानदारी का नकाब हट जाएगा।

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