महिला मेट और रोजगार सेवक की लापरवाही के चलते प्रभावित हो रहा मनरेगा कार्य

महिला मेट और रोजगार सेवक की लापरवाही के चलते प्रभावित हो रहा मनरेगा कार्य

स्वतंत्र प्रभात बीकेटी।

सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और जीरो टॉलरेंस के नियत पर काम करने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ लखनऊ जिले में कार्यरत जिम्मेदार अधिकारियों के चलते केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी मनरेगा योजना जमीन धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि मनरेगा योजना से हो रहे कार्यों का कहीं भी कार्य स्थल कार्य शुरू होने और समाप्त तक डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगता डिस्प्ले बोर्ड तब लगाया जाता है l

जब उस परियोजना का कार्य आंकड़ों में काम होकर पेमेंट हो जाता ताकि ग्रामीणों को इसकी जानकारी न होने पाए, इस सड़क पर मिटटी कार्य हो रहा और कितने मजदूर काम कर रहे हैं और कितने मजदूर की हाजिरी लगाकर पेमेंट कराया जा रहा है इससे सबसे बड़ी समस्या उन मजदूरों को हो रही जो वास्तविक मजदूर हैं और उनको रोजगार नहीं मिल पा रहा इस समय मनरेगा योजना में सरकारी धन का दुरपयोग खूब हो रहा है। मनरेगा योजना के तहत कई ग्राम पंचायत में स्वीकृत किए गए कार्य की देखरेख के लिए रोजगार सेवक और महिला मेट  की भी नियुक्त की गई है  लेकिन देखरेख के लिए नियुक्त किए गए महिला मेट और रोजगार सेवक जब कार्य की देखरेख में अनदेखी करने लगे तो श्रमिक भी लापरवाही पर आमादा हो जाते है।

महिला मेट और रोजगार सेवक की लापरवाही के चलते प्रभावित हो रहा मनरेगा कार्य

स्थानीय विकासखंड की ग्राम पंचायत असनहा में चल रहे मनरेगा कार्य  में 25 मजदूर कार्य कर रहे थे जबकि वहां पर उसकी देख रेख करने वाले महिला मेट और रोजगार सेवक मौके से नदारत थे यहां पर निर्माण कार्य भगवान भरोसे चल रहा था वहीं पर कार्य कर रहे श्रमिकों ने बताया कि रोजगार सेवक आकर हाजिरी लगा देते हैं जबकि महिला मेट ,रोजगार सेवक का नंबर बंद था। ऐसे में जब जिम्मेदारी मौके से नदारत रहेंगे तो मनरेगा कार्य में लापरवाही करना श्रमिकों के लिए आम सी बात है हो जाती है मनरेगा कार्य में किस तरह से गड़बड़ी कर रोजगार सेवक व महिला मेट मनमानी कर रहे हैं इसका अंदाजा ग्राम पंचायत असनहा को देखकर लगाया जा सकता है। 

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को जिम्मेदार लगा रहे पलीता

केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में सम्मिलित मनरेगा योजना भी एक है, लेकिन ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान ,ग्राम सचिव,रोजगार सेवक,महिलामेट की लापरवाही के चलते सरकार की अति महात्वाकांक्षी योजना में जमकर पलीता लगाया जा रहा है, और उनके आदेशों को जिम्मेदारों  द्वारा ठेंगा दिखाकर मन मुताबिक कार्य किया जा रहा है। 

बीकेटी की ज्यादातर ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्य चल रहा बंद 

भारत सरकार द्वारा संचालित महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के द्वारा मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराया जाता है परंतु इन दिनों  योजना के तहत विकासखंड की कई ग्राम पंचायत में कार्य बंद है जिसके कारण मनरेगा के मजदूर शहर या फिर दूसरे राज्यों में काम करने के लिए पलायन करने को मजबूर है सरकार द्वारा कहा जाता है कि राज्य का कोई भी मजदूर बाहर काम करने नहीं जाएंगे उन लोगों को इलाके में ही कार्य उपलब्ध कराया जाएगा परंतु इन दिनों बक्शी का तालाब विकासखंड के  25 ग्राम पंचायत में मनरेगा का कार्य लगभग बंद है। 

मामले की जानकारी के लिए एपीओ बीकेटी से बात की गई उन्होंने मामले की जांच करने की बात कही है।

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