न्यायालय का आदेश पुलिस पर बड़ा भारी, टालमटोल के बाद केस दर्ज
प्रदूषण विभाग कि बगैर सहमति के संचालित वी के एम ईंट उद्योग पर खबर संकलन के दौरान घटी थी घटना
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लखनऊ। दीवानी न्यायालय देवरिया का आदेश बरियारपुर पुलिस पर अंत्तोगतवा भारी पड़ गया और काफ़ी टालमटोल के बाद 22 दिन बाद पुलिस ने धारा 156 (3) के तहत वादी सुमंत शुक्ला के प्रार्थना पत्र के आधार पर केस दर्ज कर लिया। बताया जाता है कि नगर पंचायत बरियारपुर सीमा अंतर्गत प्रदूषण विभाग कि बगैर सहमति के संचालित वी के एम ईंट उद्योग पर खबर संकलन के दौरान घटना घटी थी जिसको लेकर बरियारपुर पुलिस द्वारा घटना में कोई कार्रवाई न किये जाने पर मामले में दीवानी न्यायालय ने संज्ञान लिया और बरियारपुर थाने को केस दर्ज करने का आदेश किया था, जिस आधार पर बरियारपुर पुलिस ने 392,342,147,504 व एस एस टी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
वादी ने न्यायालय को दिए गए अपने प्रार्थना पत्र में कहा कि जनपद में संचालित इंट-भटठो पर बाल श्रमिक कार्यरत हैं एवं उक्त भटठो पर अवैध तरीके से शराब भी बनायी जाती है तथा देवरिया जनपद के बहुत सारी ईट-भटठो को उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लखनऊ द्वारा मानक पूर्ण न करने के कारण जांचोपरान्त उन्हें बन्द करने हेतु आदेश पारित किया गया तथा जिला प्रशासन देवरिया को पत्र भी प्रेषित किया जा चुका है परन्तु बन्दी आदेश के बाद भी ईट-भटठे अवैध तरीके से संचालित किये जा रहे हैं।
उसी सूचना के आधार पर प्रार्थी समाचार संकलन हेतु वाहन चालक आशीष कुमार के साथ गत 12 फ़रवरी 2024 को देवरिया आया तथा अपने साथ हिन्दी दैनिक तरुण मित्र समाचार पत्र के जिला प्रतिनिधि प्रेम शंकर मणि त्रिपाठी को साथ में लेकर उसी दिन समय करीब 1 बजे दिन में मेसर्स बी केएम ईट उद्योग भडसरा थाना-बरियारपुर, जनपद-देवरिया पर गया तथा समाचार संकलन करने लगा। समाचार संकलन करते समय भट्ठा मालिक विजय कुमार मल्ल मिल गये जिनसे ईंट-भटठे पर कार्यरत बाल श्रमिको व उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ द्वारा पारित आदेश के सम्बन्ध में पूछताछ करने लगा, जिस पर ईंट-भटठा मालिक विजय कुमार मल्ल काफी उग्र हो गये।
तथा हम, संवाददाता प्रेमशंकर मणि व चालक आशीष कुमार को माँ-बहन की गालियां देने लगे, शोर सुनकर विजय कुमार मल्ल पुत्र रामसूरत पुत्रगण रवि प्रताप मल्ल, प्रदीप कुमार व भानु प्रताप मल्ल आ गये तथा यह सभी लोग भी प्रार्थी, प्रेमशंकर मणि व चालक आशीष कुमार को माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गालिया देने लगे। प्रार्थी ने जब मना किया तो यह लोग काफी उग्र हो गये तथा ये सभी लोग प्रार्थी व प्रार्थी के सहयोगी तथा वाहन चालक आशीष को लात-मुक्का, थप्पड़ से मारने-पीटने लगे। इसी दौरान उक्त लोगों के सहयोग में प्रमोद पाण्डेय पुत्र कृष्णानाथ पाण्डेय जो बरियारपुर, वार्ड नं0-5. जेठहसी थाना-बरियारपुर, जिला-देवरिया के निवासी हैं , मौके पर आ गए तथा अपने पास रखे असलहे को निकाल लिये तथा प्रार्थी के सहयोगी प्रेमशंकर मणि त्रिपाठी के उपर तान दिये व प्रार्थी की डायरी व प्रेस सम्बन्धित आवश्यक कागजात छीन लिये तथा रवि प्रताप ने प्रार्थी के सहयोगी के जेब में रखा 2500 रूपया जबरदस्ती निकाल लिया ।
प्रार्थी का चालक अनुसूचित जाति का है। जिसे सभी जानते व पहचानते थे। वे सभी लोग आशीष कुमार को चमारियां, पासी जातिसूचक बाल करते हुए मारने-पीटने लगेो प्रार्थी व प्रार्थी के सहयोगी व चालक आशीष कुमार की हत्या करने के नियत से भयाक्रांत करते हुए बंधक बना लिये। जब हम लोगों को यह आशंका हो गयी कि ये लोग हम लोगों को ईंट -भटठे में झोंक देंगे तब प्रार्थी व प्रार्थी के सहयोगी प्रेमशंकर मणि ने अपनी जान बचाने के लिए थानाध्यक्ष बरियारपुर, अपर पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक देवरिया के सीयूजी नम्बर पर घटना की सूचना दिये। कुछ देर बाद थानाध्यक्ष-बरियारपुर अपनी टीम के साथ मौके पर आ गये, इनके साथ कुछ अन्य लोग भी थे।
यह लोग पुलिस के सामने भी मी-बहन की भद्दी-भद्दी गालिया देने लगे, थानाध्यक्ष-बरियारपुर द्वारा हम लोगों को बरियारपुर थाने पर लाया गया तथा भट्टा मालिक विजय कुमार मल्ल के राजनैतिक प्रभाव व क्षेत्रीय वर्चस्व के कारण उनसे प्रार्थना-पत्र लेकर प्रार्थी व प्रार्थी के सहयोगी प्रेमशंकर मणि व चालक आशीष कुमार के विरुद्ध मुअस-15/2024 10धा-384, 506, 504 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर लिये तथा हम लोगों को लाकअप में बैठाये रहे। 13 फ़रवरी 2024 को हम लोगों को -107, 116, 151 में चालान करते हुए जिल्ला मजिस्ट्रेट, देवरिया के मौखिक आदेश पर उप जिला मजिस्ट्रेट, देवरिया द्वारा हम लोगों से बिना जमानत प्रार्थना-पत्र व मुचलका लिये व बिना सुनवायी किये जिला कारागार देवरिया भेज दिये।
प्रार्थी एवं प्रार्थी के सहयोगी प्रेमशंकर मणि व चालक आशीष कुमार द्वारा 14 फ़रवरी 2024 को जमानत प्रार्थना-पत्र के साथ जमानतदारों को प्रस्तुत किया गया। बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा मनमाने तरीके से बिना किसी कारण के हम लोगों के जमानतदारों का सत्यापन कराये जाने लगा। सत्यापन के पश्चात भी जिला प्रशासन द्वारा हम लोगों को अवैधानिक व नियम विरूद्ध तरीके से जिला कारागार, देवरिया में दिनांक 13 फ़रवरी से 19 फ़रवरी 2024 तक निरूद्ध रखा गया। प्रार्थी 19 फ़रवरी 2024 को रिहा हुआ। तत्पश्चात पूरे घटना क्रम की सूचना, थानाध्यक्ष बरियारपुर दिग्विजय सिंह को देने गया तो उन्होंने प्रार्थी के साथ एवं प्रार्थी के सहयोगी के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए भगा दिया। प्रार्थी व प्रार्थी के सहयोगी प्रेमशंकर मणि को जिला प्रशासन, देवरिया से जान का खतरा बना हुआ है।
जिला प्रशासन देवरिया कभी भी हम लोगों के विरूद्ध ख्याति व छवि धूमिल करने के लिए किसी भी तरह की कार्यवाही कर व करा सकता है। दिग्विजय सिंह द्वारा हम पत्रकारों को बदनाम करने के नियत से फर्जी व झूठा मुकदमा दर्ज कर उत्पीडन की कार्यवाहीं किया गया है। प्रार्थी ने घटना की सूचना जरिए रजिस्टर्ड डाक से पुलिस अधीक्षक को दिया परन्तु पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई कार्यवाही नहीं कि गयी। न्यायालय ने माना कि वादी के साथ घटी घटना संजेय प्रकृति का है जिसको संज्ञान में लेकर थानाध्यक्ष बरियारपुर को केस दर्ज करने का आदेश जारी किया है। पुलिस ने न्यायालय के आदेश को टालमटोल करते हुए 22 दिन बाद केस दर्ज कर लिया है।
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