बिजली आपूर्ति लडख़ड़ाई तो पानी संकट भी गहराया
- शहर के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहा जल संस्थान
- कांशीराम कालोनी में पानी के लिए परेशान है सैकड़ों बाशिंदे
बांदा। सूर्यदेव के साथ बिजली और पानी भी शहर के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। आसमान से आग बरस रहीं है। ओवरलोड और हीटिंग के कारण शहर की पूरी बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। इसी के साथ पूरे दिन मे एक घंटा मिलने वाला पानी भी अब कुछ ही देर मिल रहा है। जबकि शहर के कई मोहल्ले ऐसे हैं जहां एक पखवारे से पानी के लिए जबरदस्त मारा-मारी है। हरदौली कांशीराम कालोनी में पानी के लिए तो अब मारपीट भी शुरू हो गई है। लोग एक-एक बूंद पानी के लिए मोहताज हैं। कांशीराम कालोनी में जैसे ही पानी का टैंकर पहुंचता है। लोग पानी लूटने के लिए युद्ध करने लगते हैं। जिम्मेदार जल निगम न तो ट्यूबवेल ठीक करा पा रहा है और न ही टैंकरों से पानी भेज पा रहे हैं।
बसपा शासनकाल में गरीब वंचितो के लिए बनाई गई कांशीराम कालोनी में सडक़ें, नाली और जगह-जगह हैंडपंप तो लगे हैं, लेकिन पीने के पानी की समस्या गंभीर स्थिति मे है। कालानी वासियों को पानी मुहैया कराने के लिए जल निगम द्वारा दो ट्यूबवेल लगवाए गए थे जो एक बहुत पहले से खराब पड़ा है और दूसरा भी पिछले दो महीने से पानी नहीं दे रहा है। हालत यह हो गई है कि वहां रहने वाले हजारों परिवार के लोग एक-एक बूंद पानी के लिए जूझ रहे है।
कालोनी मे रहने वाले लोग डीएम से लेकर जल संस्थान और जल निगम के अभियंताओं के यहां जाकर पानी की फरियाद कई बार कर चुके है। इसी के साथ नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष के यहंा भी सैकड़ों महिलाएं और पुरूष पानी के लिए जद्दोजहद कर चुके हैं। लेकिन अभी तक लोगों को सुचारू रूप से पानी नहीं मिल रहा है। दो दिन पहले जल संस्थान का टैंकर लेकर पहुंचा ट्रैक्टर चालक को लोगो ने पीट दिया। जिससे जल संस्थान ने कांशीराम कालोनी में टैंकर भेजने में असमर्थता दिखा दी।
शहर के कांशीराम कालोनी के अलावा तमाम ऐसे मोहल्ले हैं जहां लोगों को जरूरत के मुताबिक पीने का पानी नहीं मिल रहा है। दिन प्रतिदिन बढ़ रही पीने के पानी की समस्या से निजात पाने के लिए लोग घरों में बोर कराकर पानी ले रहे हैं। लेकिन गरीब तबके के आदमी तो हैंडपंप और नल के सहारे ही पानी का इंतजार करता है। इधर एक पखवारे से शहर की पेयजल व्यवस्था भी खराब हो गई है। कुलमिलाकर गर्मी ने जल संस्थान और बिजली विभाग को हिला कर रख दिया है। यही वजह है कि शहर का आदमी त्रस्त हो गया है।
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