एडीआर ने मतदाता आंकड़े तत्काल जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
On
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर भारत के चुनाव आयोग को अपनी वेबसाइट पर सभी मतदान केंद्रों से फॉर्म 17 सी भाग- I के सुपाठ्य स्कैन का खुलासा करने का निर्देश देने की मांग की है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मतदाता आंकड़ों के तत्काल प्रकाशन के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की है। एडीआर की याचिका में मांग की गई है कि, शीर्ष न्यायालय चुनाव आयोग को यह निर्देश दे कि वह अपनी वेबसाइट पर सभी मतदान केंद्रों के फॉर्म 17C पार्ट-1 (रिकॉर्ड किए गए वोटों का हिसाब) की स्कैन की गई लेजिबल कॉपी (सुपाठ्य प्रतियों) का प्रकाशन मतदान समाप्ति के 48 घंटे के भीतर करे, जिसमें डाले गए वोटों के प्रमाणित आंकड़े शामिल हों।
एडीआर की याचिका में कहा गया है कि, पूर्ण संख्या में अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र के आंकड़ों ने उक्त डेटा की शुद्धता के विषय में चिंताएं और सार्वजनिक संदेह बढ़ा दिया है। आवेदनों में कहा गया है कि 30 अप्रैल की प्रेस विज्ञप्ति में प्रकाशित डेटा, 19 अप्रैल और 26 अप्रैल के प्रारंभिक डेटा के साथ तुलना की जाती है, तो लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई देती है। 'ईसीआई द्वारा डाले गए वोटों की पूर्ण संख्या जारी नहीं करने के साथ-साथ डाले गए वोटों के आंकड़े जारी करने में अनुचित देरी के कारण मतदाताओं के मन में प्रारंभिक डेटा और 30 अप्रैल को जारी किए गए डेटा के बीच तेज वृद्धि के बारे में आशंकाएं पैदा हो गई हैं। याचिका में कहा गया है, इसका समाधान किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि डेटा की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र के अनुसार मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को पूर्ण संख्या और प्रतिशत के रूप में सारणीबद्ध किया जाना चाहिए याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि मतदाता मतदान डेटा की पूर्ण संख्या के बिना, आम जनता परिणामों में घोषित वोटों की गिनती के साथ डाले गए वोटों की संख्या की तुलना नहीं कर सकती है।
जब तक सटीक आंकड़े सार्वजनिक डोमेन में नहीं लाए जाते, तब तक मतदाता के लिए प्रतिशत आंकड़े अर्थहीन हैं। याचिका में ईसीआई को मौजूदा 2024 लोकसभा चुनावों में प्रत्येक चरण के मतदान के बाद फॉर्म 17 सी भाग- I में दर्ज वोटों की संख्या के पूर्ण आंकड़ों में सारणीबद्ध मतदान केंद्र-वार डेटा प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर याचिका में अंतिम मतदान प्रतिशत डेटा जारी करने में देरी और पूर्ण संख्या में अलग-अलग आंकड़ों की अनुपस्थिति के बारे में चिंताओं पर प्रकाश डाला गया है।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
26 Jul 2024 17:00:38
स्वतंत्र प्रभात। एसडी सेठी। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने जानकारी दी है कि सरकार कांवडियों को उचित सेवा प्रदान...
अंतर्राष्ट्रीय
25 Jul 2024 17:50:50
Internation Desk पेंसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक शूटर के निशाने पर थे। लेकिन इससे...
Online Channel
![](https://www.swatantraprabhat.com/media-webp/2024-05/swatantra_prabhat_media.jpg)
खबरें
शिक्षा
![](https://www.swatantraprabhat.com/media-webp/2024-05/new-yashoda.png)
Comment List