गोरखपुर दक्षिणांचल के खजनी क्षेत्र डोडो में खुला नए साल का पंचांग, सैकड़ो वर्षो से चली आ रही है होली के दिन नए वर्ष की पंचांग खोलने की परंपरा

वर्ष 2024 के नए पंचांग के मुताबीत होलिका का नाम है पिंगला

गोरखपुर दक्षिणांचल के खजनी क्षेत्र डोडो में खुला नए साल का पंचांग, सैकड़ो वर्षो से चली आ रही है होली के दिन नए वर्ष की पंचांग खोलने की परंपरा

ब्यूरो/शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी

गोरखपुर जनपद के दक्षिणांचल क्षेत्र खजनी क्षेत्र ग्राम सभा डोडो में नए पंचांग खोलने की परंपरा बिगत 200 वर्षो से चली आ रही है। जिसमे गांव के सभी वर्ग के छोटे बड़े बुजुर्ग अपस्थित होकर एक मंच तले जमीन पर बैठकर नए वर्ष में होने वाले हानि लाभ व देश के प्रति राज नेताओ के बारे में पंचांग के मुताबीत चर्चा होती है । डोडो गांव में पंच के बीच पंडित सुग्रीव मिश्रा ने नए वर्ष की पंचांग खोली गई  ,जिसमे भूत भविष्य हानि लाभ के बारे में बताया गया। 

 खजनी क्षेत्र ग्राम सभा डोडो निवासी मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी के आवास पर   होली के एक्कम तिथि  सोमवार को दिन के दूसरे पहर  पंडित सुग्रीव पंडित के द्वारा नए वर्ष की पंचांग खोली गई ,जिसमे  नए वर्ष पर होलिका का नाम 'पिंगला' बताया गया ।  देश मे राज नेताओ के गलत बयान बाजी के वजह से देश अशांति या  युद्ध जैसी क्रिया का उद्गगम हो सकता है ,इस वर्ष सभी राशि अपने स्थान पर सही रहेंगे

IMG-20240325-WA0125(1)।साल 2024 में शनि महाराज अपनी राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे और मेष राशि के पंचम भाव पर दृष्टि रखेंगे। शनि के प्रभाव में, आपमें एक कमांडिंग स्वभाव विकसित हो सकता है जो रिश्ते में चुनौतियों को जन्म दे सकता है।

साल 2024 के आरम्भ में लग्नेश मंगल एवं कारक सूर्य देव त्रिकोण में स्थित होने से मेष राशि के जातकों का भाग्योदय होगा । करियर संबंधी मामलों की बात करें तो बृहस्पति के सहयोग से कार्यस्थल पर पहचान मिलेगी, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और वेतन वृद्धि होगी, साथ ही वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा, जो  पेशेवर रूप से बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।

सही मार्गदर्शन का आशीर्वाद मिलेगा। उच्च मंगल साहस और जोखिम लेने के रवैये को बढ़ाकर प्रयासों का समर्थन करेगा, इसीलिए कोई नया व्यवसाय आरम्भ कर सकते हैं। गुरु ग्रह  पंचम भाव और नवम भाव को देखेंगे तथा प्रथम भाव में विराजमान रहेंगे,   बृहस्पति  विदेश यात्रा, सौदे और प्रसिद्धि लाएगा।

 राहु और केतु के प्रबल प्रभाव में जिम्मेदारियों का बोझ और अपेक्षित परिणामों में देरी हो सकती है, जो 2024 की अंतिम तिमाही चुनौतियों से अभिभूत होने के बजाय आत्मनिरीक्षण करने के अवसर में बदल सकती है।  देश मे  में राज नेताओ के गलत बयान बाजी के वजह से युद्ध के भी परिणाम हो सकते है।

 
उक्त अवसर पर गांव के बालमुकुंद त्रिपाठी ,रामनयन मणि त्रिपाठी ,रामअजोर शुक्ल , चन्द्र भूषण त्रिपाठी , सुबास त्रिपाठी , राम प्रीत मणि त्रिपाठी , उदय भान मणि त्रिपाठी ,जितेंद्र त्रिपाठी केशव त्रिपाठी जयकरन गौड़ , जनार्दन सिंह , रामजी पासवान , नन्दलाल सहित दर्जनों लोग
 मौजूद रहे है।

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