रीवैंप से लाइनलॉस वाले बिजली फीडरों को दुरुस्त करने का काम शुरू

रीवैंप से लाइनलॉस वाले बिजली फीडरों को दुरुस्त करने का काम शुरू

-गर्मी में शहर को कटौतीमुक्त बिजली देने की कवायद तेज

-पहले चरण में छोटे चौराहे फीडर की दुरुस्त की जा रहीं लाइनें

उन्नाव।

इस गर्मी निर्बाध सप्लाई देने के लिए तैयारी तेज कर दी गई है। पहले चरण में सबसे ज्यादा लाइनलॉस वाले फीडरों को रीवैंप योजना से दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया है। शहर के छोटे चौराहे पर नए पोल व नई बिजली लाइन बिछाने का काम तेज कर दिया गया है।

वर्तमान समय में बिजली विभाग शहरों को 24, कस्बों को 22 और ग्रामीण इलाकों को 18 घंटे विद्युत आपूर्ति देने का दावा करता है। हालांकि लाइनलॉस के कारण क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसमें क्षेत्र में बिछाई गई लाइन और पुराने जर्जर पोल बाधा बन रहे हैं। क्षेत्रों में खुले एल्युमीनियम के तारों से धड़ल्ले से बिजली चोरी भी हो रही है। पिछले साल बिजली विभाग ने सबसे अधिक लाइनलास वाले फीडरों का चिहनांकन कराया था।

इसमें शहर और ग्रामीण क्षेत्र के फीडर शामिल रहे। जिनमें 25 से 30 प्रतिशत तक लाइनलॉस मिला। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई रीवैंप (रुरल इकोनामिक वैल्यू एडेड मॉनीटरिंग प्रोग्राम) योजना में इनमें से 44 फीडरों को शामिल करके लाइनलास कम करने की कवायद शुरू की गई है। सबसे पहले क्षतिग्रस्त व जर्जर पोल को हटाने का काम शुरू हुआ है। इसके बाद पुरानी एल्युमीनियम लाइन बिछाई जानी है। यह काम 31 मार्च तक पूरा किया जाना है।

यह हैं अधिक लाइनलॉस वाले फीडर

-शहर का मोतीनगर, छोटा चौराहा, पुलिस लाइन, पडऱी, चमरौली, सिकंदरपुर, कोरारी, अचलगंज, ओसिया, दरसवां, मिर्री, हरदी, पाठकपुर, चमियानी, पुरवा टॉउन का तहसील, रूरी, परियर, सफीपुर टाउन, कुरसठ, गौरिया, नवई, रायपुर गढ़ी, अजगैन, मौला, धौरा, नवाबगंज, नई सराय आदि।

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