आरटीओ में दलालों और बस माफियाओं का बोलबाला
कर्मचारी, बिचौलियों से मिलकर कर रहे वाहन मालिकों का शोषण
स्वतंत्र प्रभात
सत्यवीर सिंह यादव
अलीगढ़,। संभागीय परिवहन कार्यालय में बिचैलियों का जमावड़ा लगा रहता है। कार्यालय के सामने पान की गुमटी की तरह इनकी दुकान सजी रहती है। इनके बिना किसी वाहन का रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना नामुमकिन नहीं तो मुश्किल है। यदि आवेदक जिम्मेदार अधिकारियों के पास सीधे पहुंचता है तो उसे लंबी प्रक्रिया में उलझाकर परेशान किया जाता है।
जबकि दलालों के माध्यम से उसका सारा काम पल भर में हो जाता है। थोड़े से पैसे जरूर खर्च होते हैं। जिले के आला हाकिमों की निगाह नहीं जा पाने के कारण इस कार्यालय में भारी खेल हो रहा है। वाहनों के रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस जारी कराने के नाम पर बिचैलिए निर्धारित फीस से अधिक वसूलते हैं। विभागीय कर्मियों से सांठगांठ करके बगैर परीक्षा के ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है।
सीधे पहुंचने वाले आवेदकों को इतनी लंबी प्रक्रिया में उलझा दिया जाता है कि वह बिचैलियों के पास जाने को मजबूर हो जाता है। लाईसेंस बनवाने आए आवेदक ने बताया कि वह दो पहिया और चार पहिया का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ कार्यालय पहुंचे तो उनसे तरह-तरह के सवाल किए गए जबकि बिचैलियों को बगैर किसी तरह की पूछताछ के एक दर्जन से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए। कुल मिलाकर उक्त कार्यालय में दलालों का बोलबाला है। यहां तैनात कर्मचारी, बिचौलियों में आरिफ और खचेरू से मिलकर वाहन मालिकों का शोषण कर रहे हैं लेकिन अधिकारी बेपरवाह हैं।
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