जिलाधिकारी ने वित्तीय अनियमितता के आरोप में ग्राम प्रधान इटौरा डोरी पुर को दिया नोटिस
15 दिन में स्पष्ट जवाब देने का दिया निर्देश
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स्थलीय जांच में 807820 रुपए के गबन का हुआ खुलासा
स्वतंत्र प्रभात
मऊ। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र ने घोसी ब्लॉक के इटौरा डोरी पुर ग्राम पंचायत के प्रधान और पंचायत सेक्रेटरी को 807820 रुपए के सरकारी धन का दोषी पाया है। दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। 4 फरवरी 2024 को जारी आदेश में जिलाधिकारी ने कहा है कि इटौरा डोरीपुर गांव के शिकायत कर्ता नितेश राजभर की शिकायत पर तत्कालीन जिलाधिकारी अरुण कुमार ने पहली नवंबर 2023 को जांच समिति का गठन कर जांच रिपोर्ट 15 दिन के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
जांच समिति में जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी तथा अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। जिलाधिकारी द्वारा दी गई 15 दिन की समयावधि बीत जाने के बाद 16 नवंबर को जांच टीम गांव में पहुंची तो प्रधान और सेक्रेटरी गांव में मौजूद ही नहीं थे। प्रधान को फोन करके जांच समिति ने मौके पर बुलाया तो वह 2 घंटे बाद पहुंची लेकिन शिकायत संबंधी कोई भी अभिलेख जांच समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। शिकायतकर्ता द्वारा बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी जांच समिति के समक्ष प्रधान न तो उपस्थित हुई और न ही अभिलेख प्रस्तुत किया।
इस पर शिकायतकर्ता सहित गांव के अन्य लोग जांच अधिकारियों पर ही ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी को गांव में विकास कार्यों की नवैयत बदलने का समय देने का आरोप लगाने लगे ।बाद में जांच समिति ने 10 बिंदुओं से संबंधित विकास कार्यों की अभिलेखीय और स्थलीय जांच की। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने गांव में कई विकास कार्यों के नाम पर बिना कोटेशन और गांव में बिना खुली बैठक के ही साधना ट्रेडर्स मूंग मास और भावनपुर की एक संस्था को डेस्क बेंच और ह्यूम पाइप आदि का भुगतान किया गया दर्शाया है। स्थलीय जांच में इक्का-दुक्का स्थान को छोड़कर ह्यूम पाइप कहीं लगे नहीं मिले।
परिषदीय विद्यालय में डेस्क बेंच लगे नहीं मिले।10/ बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट में समिति ने 807820 रुपए का गबन का आरोप ग्राम प्रधान अनुपमा देवी पत्नी गोविंद राजभर और तीन तीन सेक्रेटरी पर लगाते हुए जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित कर दिया। जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए नोटिस का जवाब 15 दिनों के अंदर देने का निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी घोसी को आदेश दिया है कि नोटिस ग्राम प्रधान को तामील करा कर उसकी पावती अधोहस्ताक्षरी को तुरंत भेजें। उधर ग्राम पंचायत में विकास कार्य में हुई अनियमितता की शिकायत करने वाले नितेश राजभर कि कहना है कि उसे और उसके परिजनों को ग्राम प्रधान की ओर से लगातार धमकियां दी जा रही थी और शिकायत को वापस लेने का दबाव डाला जा रहा था। जिसकी शिकायत उसने पुलिस अधीक्षक से की है। जो भी हो जिलाधिकारी के सख्त रवैये के बाद अब ग्राम प्रधान पर फिर और गमन की हुई राशि की वसूली की तलवार लटकती हुई नजर आ रही है।
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