90 हजार रूपये ली रिश्वत फिर भी गूलर रोड़ पर तैनात भ्रष्ट जेई कर रहा उपभोक्ताओं का शारीरिक व मानसिक शोषण
शासन व प्रशासन कार्यवाही के नाम पर मौन क्यों,उपभोक्ता परेशान
स्वतंत्र प्रभात
भगत सिंह भगवासिया पुत्र स्व बिहारी सिंह कोषाध्यक्ष/पूर्व पार्षद अनुसूचित जाति मार्चा ब्रज क्षेत्र भाजपा निवासी गुरूद्वारे वाली गली मौहल्ला खटीकान देहलीगेट ने बताया कि उनका संयोजन संख्या 1129709304 पर 1,21,000 का फर्जी बिजली का बिल बनाकर भेज दिया। जिसकी शिकायत लेकर पीड़ित विद्युत सबस्टेशन गूलर रोड़ पर तैनात जेई महेश चन्द्र शर्मा के पास पहुंचा तो जेई ने मनगढ़त कहानी रचकर षड़यंत्र के तहत साजिश रचते हुये 90,हजार रूपये रिश्वत की ड़िमाण्ड़ की और आश्वासन दिया कि वह उपभोक्ता की समस्या का शीघ्र ही समाधान करवा देगें।
जेई महेश चन्द्र शर्मा के बहकावे में आकर पीड़ित उपभोक्ता द्वारा मौ.राशिद,नीलम वार्ष्णेय,भूरा खैर रोड़ तथा गजेन्द्र सिंह के सामने 90 हजार रूपये उनकी ड़िमाण्ड़ के अनुसार दे दे दिये। अगले दिन जेई ने 5 हजार रूपये फाइल के नाम पर और लेकर एक किलोवाट का कनैक्शन उसके बेटे गजेन्द्र के नाम से लगवा दिया गया। जिसका बिल बराबर जमा करता चला आ रहा है। कुछ समय बाद 1,21000 की वसूली करने हेतु तहसील के माध्यम से नरेन्द्र अमीन घर आए और धमकी देते हुये कहा कि तुम्हारे खिलाफ रिर्पेट दर्ज कराकर तुम्हें जेल भिजवा दिया जाएगा।
जिसकी शिकायत जेई महेश चन्द्र शर्मा से की तो वह उल्टा पीड़ित को धमकी दे डाली। उसके बाद जेई ने मनगढ़त कहानी रचकर शिकायत कर्ता के खिलाफ बिजली चोरी का झूठा मुकद्दमा दर्ज कराकर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। जेई महेश चन्द्र शर्मा भ्रष्टचार में डूबे हुये हैं और उनका 90 हजार रूपया नहीं वापस कर रहे हैं और ना हीं कोई समस्या का समाधान ही कर रहे हैं।
दबंग जेई महेश चन्द्र शर्मा द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को मनमानी तरीके से फर्जी बिल बनाकर मुंह मांगी रकम वसूल की जा रही है। भगत सिंह द्वारा जेई द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न की शिकायत एसडीओ से लेकर एमडी ऊर्जा विभाग के अलावा डीजीपी और मुख्यमंत्री से की जा चुकी है,लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिसके चलते उपभोक्ता आत्मदाह करने को मजबूर है और उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका है। ऐसे भ्रष्ट जेई महेश चन्द्र शर्मा के खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिये जिससे कि वह उपभोक्ताओं का शारीरिक व मानसिक शोषण न कर सके।

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