तीन सौ से अधिक मुकदमे पेशी के पहले ही खारिज
न वादी न वकील न कोई सुनवाई सिर्फ धड़ाधड़ फैसला
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स्वतंत्र प्रभात
भीटी अंबेडकरनगर। न वादी न वकील न कोई सुनवाई सिर्फ धड़ाधड़ फैसला यह हाल है भीटी तहसील का जहां न्याय देने के लिए सरकार ने अदालतें बनाई वहां पर वादकारियों का गला घोटा जा रहा है न कोई साक्षी न सबूत न गवाही न वकील द्वारा कोई सुनवाई धड़ाधड़ करके तीन सौ से अधिक मुकदमे पेशी के पहले ही खारिज कर दिए गए। इससे वादकारियो में गहरा आक्रोश है। भीटी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राम अनुज पांडेय ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इस कार्यवाही को घोर अन्याय पूर्ण बताया है। उल्लेखनीय है कि भीटी तहसील में आजकल अन्याय चरम पर है। गत वर्ष के नवंबर माह में भीटी तहसील क्षेत्र के सैकड़ो गांव के वादकारियो को उस समय जबरदस्त झटका लगा।
जब न्याय देने के लिए बनाई गई अदालतों ने अन्याय का कार्य शुरू किया बिना तारीख पेशी के एक ही दिन में उप जिलाधिकारी भीटी दयाशंकर पाठक, तहसीलदार भीटी धर्मेंद्र यादव और नायब तहसीलदार भीटी कटेहरी सदाशिव पाण्डेय की अदालतों ने तीन सौ से अधिक मुकदमों को खारिज कर दिया। मुकदमे खारिज किए जाने का कोई भी कारण नहीं था तारीख पेशी के 2 दिन पहले ही मुकदमो को इस तरह खारिज किया जाना न्याय के सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है। न्याय व्यवस्था का कोई भी पालन अधिकारियों के द्वारा नहीं किया गया और तब से वादकारी लगातार दौड़ रहे हैं। कभी कंप्यूटर खराब होने का बहाना कभी साइड नहीं चल रही है इस तरह का बहाना करके लोगों को हैरान और परेशान किया जा रहा है। इससे लगातार लोगों के अंदर सरकार के प्रति असंतोष बढ़ रहा है।
परेशान वादकारियो के द्वारा वाददायर प्रार्थना पत्र वकील के माध्यम से संबंधित खारिज पत्रावलियों में दिया जा रहा है। जिस पर उपरोक्त अधिकारियों द्वारा कीप आन फाइल लिखकर फाइल में लगवा दिया जा रहा है लेकिन साइड नहीं चलने का बहाना बनाकर उसे कंप्यूटर पर लोड नहीं किया जा रहा है और लोगों को तारीख भी नहीं दी जा रही है। इससे लोगों के अंदर आक्रोश बढता जा रहा है यह आक्रोश सरकार के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसी तरह लोगों को दौड़ाया और परेशान किया जा रहा है भीटी तहसील में रेऊली ग्राम मे खुश्की वसीयत पर बिना गवाही और बहस आदेश किए जाने का मामला भी प्रकाश में आया है।
एक ऐसी वसीयत जिसे सरकार ने स्वयं रोक रखा है इस खुश्की वसीयत पर नायब तहसीलदार भीटी की अदालत द्वारा आदेश पारित किया जाता है और वरासत खारिज कर दी जाती है। इसी तरीके से अढनपुर गांव की निवासी चम्पा देवी की पंजीकृत वसीयत और वरासत दोनों मुकदमे खारिज कर दिए जाते हैं। ऐसी घटना एक नहीं सैकड़ो में है अब जमीन किसके पास रहेगी किसके नाम रहेगी इस प्रश्न का कोई उत्तर उप जिलाधिकारी भीटी के पास है और न तहसीलदार भीटी के पास है। मुकदमे खारिज करके सरकार की नजर में अच्छा बनने का उनके द्वारा प्रयास किया जा रहा है जो की पूर्ण रूप से गलत है।
सभी वादकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है की बिना किसी वजह मुकदमा खारिज किए जाने के पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करा कर उपरोक्त अधिकारियों को दंडित किया जाए। जिन्होंने पूरे तहसील में लूट मचा रखी है और मनमाना तरीके से आर्डर पर आर्डर करते जा रहे हैं। यदि समय रहते इन्हे नही रोका गया तो इनके द्वारा अन्याय अत्याचार बेईमानी और भ्रष्टाचार का एक ऐसा इतिहास भीटी तहसील में लिखा जाएगा जो बरसों वर्ष तक याद किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष पवन सिंह ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और जल्द ही धरना प्रदर्शन किए जाने का ऐलान किया है। भाजपा किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष अजय सिंह ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बहुत जल्द शिकायत करने को कहा है।
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