आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत का शिकायतकर्ता का ना नाम डालकर फर्जी नाम से निस्तारण

आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत का शिकायतकर्ता का ना नाम डालकर फर्जी नाम से निस्तारण

स्वतंत्र प्रभात 
गोण्डा :
 
विकासखंड मनकापुर में तैनात सहायक विकास अधिकारी मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल की धज्जियां उड़ा रहे है। पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायत का शिकायतकर्ता का नाम ना डालकर किसी और नाम से फर्जी निस्तारण किया जा रहा है।इसे लेकर शिकायतकर्ता परेशान हैं और अफसर शासन को शत-प्रतिशत निस्तारण की रिपोर्ट भेजकर मौज काट रहे हैं।
 
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम जनता की शिकायतों का आसानी से निस्तारण कराने के लिए जनसुनवाई पोर्टल लांच कराया है।शासन का मकसद लोगों को घर बैठे इंसाफ दिलाने का है।पर जिले के विकासखंड मनकापुर में तैनात सहायक विकास अधिकारी की मनमानी की वजह से सरकार की इस मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। बताया जाता है कि पोर्टल पर दर्ज होने वाले अधिकतर मामलों की जांच तक नहीं की जाती।अफसर दफ्तर में बैठे-बैठे निस्तारण की रिपोर्ट लगा देते हैं।
 
शिकायतकर्ता से कोई फीडबैक भी नहीं लिया जाता है।शिकायतकर्ताओं के आरोपों को जांच के बिना ही किसी और के नाम से निस्तारण कर दिया जाता है।इसे लेकर शिकायत दर्ज कराने वाले परेशान हैं।वह पोर्टल पर मनमानी की शिकायत भी करते हैं।पर कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता।यही वजह है कि आम लोगों का विश्वास अब इस पोर्टल से उठता जा रहा है। ग्राम पंचायत विद्यानगर की निवासी एक व्यक्ति ने ग्राम पंचायत से लगे गाँव में खड़ंजे को बीच सड़क को जल जीवन मिशन के ठेकेदारों ने खोद कर बड़े-बड़े गड्ढे बना दिए थे और उसको सही नहीं कराया गया था।
 
इसी की शिकायत शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई थी।लेकिन ब्लॉक में बैठे सहायक विकास अधिकारी आंख मूंदकर ऑफिस में बैठकर शिकायतकर्ता के नाम निस्तारण कर दिया है।वही जब इसकी जानकारी एडीओ पंचायत राकेश कुमार श्रीवास्तव से की गई तो उन्होंने बताया कि हमारा काम नहीं है या जल जीवन मिशन का काम है।आपको जहां शिकायत करना हो कर दीजिए शिकायतकर्ता के नाम से कुछ नहीं होता है केवल संदर्भ संख्या सही होना चाहिए।

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