क्या हमास आतंकी संगठनों का बेताज बादशाह है, इजराइल ने सभी देशों से माँगा सुझाव 

क्या हमास आतंकी संगठनों का बेताज बादशाह है, इजराइल ने सभी देशों से माँगा सुझाव 

Israel vs Hamas: हमास आतंकी संगठन है या नहीं, एक बार फिर इसका मुद्दा उठा है. तुर्की ने हमास को आतंकी समूह मानने से इंकार कर दिया है. इस बयान के बाद एक बार फिर बहस छिड़ गई है. दुनिया के कई देश इसे आतंकी संगठन मानते हैं और कुछ इसे अपनी आजादी के लिए लड़ने वाला संगठन कहते हैं. इजराइल भी इसे आतंकी संगठन मानता है. हालिया हमले के बाद भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है, अब वो समय आ गया कि कई दूसरे देशों की तरह भारत भी हमास को आतंकी संगठन घोषित करे. उसने आतंक के खिलाफ अभियान चलाने में इजराइल की मदद करने के लिए भारत का धन्यवाद अदा किया.

इजराइल की इस अपील पर फिलहाल ने कोई जवाब नहीं दिया है. ऐसे में सवाल है कि वो कौन से देश हैं जो हमास को आतंकी संगठन मानते हैं, वो कौन से मुल्क हैं जो हमास को आतंकी समूह नहीं मानते और इसके लिए क्या क्या तर्क देते हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूरोपियन देश, ये वो मुल्क हैं जिन्होंने हमास को आधिकारिक तौर पर आतंकी समूह घोषित किया हुआ है. इसके अलावा इन देशों के रीजनल ब्लॉक भी हमास को लेकर यही सोच रखते हैं. इन देशों के नेताओं में समय-समय पर हमास को लेकर अपना रुख भी साफ किया है.

UK के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा हाल में कहा, जो लोग हमास को सपोर्ट करते हैं वो इस हमले के लिए भी जिम्मेदार हैं. वो फ्रीडम फाइटर नहीं हैं. वो आतंकवादी हैं. ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने 11 अक्टूबर को दिए अपने भाषण कहा, ऑस्ट्रेलिया आतंकवाद के खिलाफ है. हम इजराइल के साथ हैं. हम साफतौर पर हमास के हमले की निंदा करते हैं. उन्होंने अंधाधुंध रॉकेट फायरिंग की, नागरिकों को निशाना बनाया और बंधक बनाया.

कई ऐसे अहम देश हैं जो हमास को आतंकी संगठन नहीं मानते. इनमें चीन, तुर्की, मिस्र, कतर, रूस, सीरिया, ब्राजील और ईरान शामिल हैं. उनका मानना है कि ये आतंकी संगठन नहीं बल्कि सैनिकों का एक ग्रुप है. इजराइल और हमास की जंग के बीच तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने बयान दिया है

कि हमास कोई आतंकी संगठन नहीं, एक मुक्ति संगठन है. जो अपनी जमीन हासिल करने के लिए रक्षा कर रहा है. उनका कहना है कि मुस्लिम देशों को युद्धविराम की कोशिश करनी चाहिए. उन्हें कहा, सबको मिलकर मुस्लिम देशों में शांति लाने की कोशिश करनी चाहिए. इसके साथ ही विश्वशक्तियों से गाजा पर होने वाले इजराइल के हमले रोकने की अपील की.

हमास आतंकी समूह है या नहीं, इस मुद्दे पर दुनिया के कई देशों की सोच बंटी हुई है. इसकी वजह है हमास की मांग. जिसे कुछ देश सपोर्ट करते हैं. हमास इजराइल के वजूद को नकारता है, यही वजह है कि वह हमेशा वहां कब्जा करने की कोशिश करता रहता है. कुछ देश मानते हैं

कि वो अपने हक और जमीन की लड़ाई लड़ रहा है. वहीं हमास के काम करने, तबाही मचाने और बेगुनाहों का खून बहाने के तरीके के कारण कई देश इसे आतंकी समूह घोषित कर चुके हैं. अब इसकी कमान इस्माइल हानियेह के हाथों में जिसे इस संगठन को टॉप लीडर कहा जाता है. इस्माइल ने गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से स्नातक किया और फिलिस्तीन का पीएम रहा है. 2017 से वह हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख के तौर काम कर रहा है.

 

 

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