खेती और मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं  होता।  डा0 हरिश्चंद्र

खेती और मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं  होता।  डा0 हरिश्चंद्र

प्रयागराज ब्यूरो। इफको नैनो यूरिया डीएपी एवं ड्रोन तकनीकी  भारतीय कृषि के लिए वरदान साबित होंगे।  भारतीय किसान बहुत ही कर्मठ एवं मेहनती है, उसकी मेहनत से ही देश को खाद्यान्न उपलब्ध होता हैं  । खेती में मेहनत का कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
 
 उक्त बातें कोरडेट ,इफको, फूलपुर के प्रधानाचार्य डॉक्टर हरिश्चंद्र ने ग्राम सभा उमरी ,सहसो में समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित प्रक्षेत्र दिवस के अवसर पर कहीं। 
 
उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए खेतों की मिट्टी की जांच पर विशेष बल दिया और किसानों से  इफको नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का प्रयोग करने की अपील की। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधानाचार्य  ने कृषक वीरेंद्र बहादुर सिंह श्याम बहादुर सिंह शिवकुमार पटेल को माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इससे पूर्व जैव उर्वरक इकाई के  राजेश कुमार सिंह ने कृषकों को खेती में जैव उर्वरकों और जैव अपघटकों के प्रयोग की विधिवत जानकारी दी।  
 
कॉरडेट मौन पालन इकाई के प्रभारी  वीरेंद्र सिंह ने खेती में अतिरिक्त आय के लिए फल एवं खाद्य प्रसंस्करण के महत्व तथा मौन पालन की जानकारी दी  । मुकेश तिवारी ने इफको नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के प्रयोग की जानकारी दी । ग्राम उमरी के समाजसेवी  दिनेश कुमार सिंह ने सभी आए हुए अतिथियों एवं किसान भाइयों का स्वागत किया तथा क्षेत्र के विकास के लिए कॉर्डेट इफको के प्रयासों को सराहा। 
 
युवा प्रगतिशील कृषक अभय सिंह (प्रकाश)ने इफको नैनो यूरिया एवं डीएपी के प्रयोग के विषय में अपने अनुभवों को भी बताया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागी कृषकों को कृषि अवशेषों को अपघटित करने के लिए जैव अपघटक का निःशुल्क वितरण किया गया । कार्यक्रम मे तीर्थराज सिंह , त्रिलोकी सिंह, शिव कुमार पटेल, विजय पटेल, अमर सिंह,  श्याम बहादुर सिंह , भुवाई लाल सहित भारी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे।

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