अयोध्या-भ्रष्टाचार के संरक्षक बने सीएमओ डॉ. संजय जैन
अवैध वसूली के आरोपी अफसरों को सीएमओ ने दिया अभयदान
दोषी पाए जाने के बावजूद डीटीओ को दी क्लीनचिट
अयोध्या।
जिले के टीवी विभाग में कर्मचारियों के उत्पीड़न व उनसे की जा रही अवैध वसूली की शिकायत जुलाई माह में कर्मचारियों की ओर से की गई थी। कर्मचारियों ने मांग की थी कि तत्कालीन डीटीओ आर के सक्सेना व जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर अन्नत प्रताप सिंह के कृतियों की जांच कराई जाए और उनके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाए। इस मामले में सीएमओ ने 12 जुलाई को एक तीन सदस्य जांच टीम का गठन किया। उस टीम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रशासन डीके शर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतिरक्षण डॉक्टर दिलीप सिंह व नगर स्वस्थ्य अधिकारी डॉ राममणि शुक्ला को शामिल किया गया।
इस मामले में जांच टीम की ओर से दी गई रिपोर्ट में डीटीओ आर के सक्सेना व जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर अनंत प्रताप सिंह को आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। जांच टीम की ओर से अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बयानों एवं दिए गए. ऑडियो साक्ष्य के आधार पर दोनों अधिकारी आरोपी पाए गए हैं। इस प्रकरण में डीटीओ बयान देने से मुकर गए। इसके बाद सीएमओ ने जांच टीम को पूरक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। 25 जुलाई को दी गई पूरक रिपोर्ट में जांच टीम ने खेल करते हुए डीटीओ डा आरके सक्सेना को छोड़कर जिला कोऑर्डिनेटर आनंत प्रताप सिंह को ही अकेले आरोपी बताया और दोबारा सीएमओ को आवश्यक कार्रवाई करने की संस्तुति की। दो-दो बार जांच रिपोर्ट में आरोपी पाए जाने के बावजूद सीएमओ ने दोनों आरोपियों को अभयदान दे दिया।
मात्र जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर अनंत प्रताप सिंह को चेतावनी जारी कर भविष्य में ऐसा न करने का निर्देश दिया। सीएमओ की इस कार्यवाही पर कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब तत्कालीन डीटीओ डॉक्टर आरके सक्सेना व जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर को क्लीन चिट देनी थी, तो जांच करने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। जब डीटीओ ने जांच टीम के सामने आकर कोई बयान नहीं दिया और जांच टीम में प्रकरण में दोषी पाए गए तो फिर कार्यवाही क्यों नहीं हुई?
Read More सपा का आरोप कानपुर की विधान सभा क्षेत्रों से नौ लाख मतदाताओं के नाम एस.आई.आर गणना प्रपत्र से हटेसूत्रों की माने तो सीएमओ ने किसी बड़े राजनीतिक दबाव में भ्रष्टाचार के इतने बड़े मामले को दफन कर दिया। इस संबंध में सीएमओ डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि डीटीओ को शासन ने उनके पद से हटा दिया है। शिकायतकर्ता की यह मांग थी कि जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर को चेतावनी दे दी है, इससे बड़ी और कोई सजा दी जा सकती है मतलब यह है कि सीएमओ कि ओर से कराई गई जांच ढाक के तीन पात होकर रह गई। सीएमओ ने भ्रष्टाचारियों को भ्रष्टाचार करने के लिए अभयदान दे दिया है।

Comment List