एक बार फिर से पॉपुलर हॉस्पिटल हुआ अपने लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना कार्य से पॉपुलर

आए दिन चर्चाओं के घेरें में रहने वाला यह हॉस्पिटल एक और बड़ी घटना को लेकर आया है सामने

एक बार फिर से पॉपुलर हॉस्पिटल हुआ अपने लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना कार्य से पॉपुलर

मृतक के पुनः इलाज के लिए फिर से पॉपुलर हॉस्पिटल वाराणसी के लिए किया जा रहा था रेफर

रिपोर्ट -रामलाल साहनी

स्वतंत्र प्रभात, मीरजापुर 

मीरजापुर। शनिवार को सुबह एक निजी अस्पताल में ज़हर खाने से इलाज के लिए एक व्यक्ति को भर्ती कराया गया था लेकिन भर्ती के दौरान वह बात कर रहा था और शाम को उसकी मौत हो गई। इस बात से परिजनों ने अस्पताल में मचाया हड़कंप। मौके पर पुलिस पहुंचकर मृतक का शव को कब्जे में लेकर थाना कोतवाली में परिजनों को बुलाकर पूरी जानकारी प्राप्त कर रही थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मोनू यादव पुत्र राम सकल यादव उम्र लगभग 22 वर्ष ग्राम सतोहां थाना घोरावल जिला सोनभद्र निवासी शनिवार की सुबह खोवा लेकर बाजार बेचने के लिए निकला था। खोवा बेचने के बाद घर पर आकर खोवा का पैसा मां शीला देवी को देकर बाइक लेकर बाहर निकला था। दोपहर अचानक राम सकल यादव के मोबाइल पर ददरा पहाड़ी से फोन आता है कि आपका बेटा सड़क पर गिरा मिला हुआ है और जिसका इलाज स्थानीय हॉस्पिटल में चल रहा है।सूचना प्राप्त होते ही मौके पर अस्पताल में पिता राम सकल पहुंचते ही अस्पताल वालों ने वहां से रेफर कर दिया।

पिता राम सकल ने बताया कि साहब मैंने कहा कि मेरे बेटे को जिला अस्पताल में ले चलिए वहीं मृतक के जीजा ने भी फोन करके साले को मंडलीय अस्पताल ले जाने के लिए बार बार बोल रहे थे लेकिन एंबुलेंस और अस्पताल वालो ने परिजनों की एक ना सुनी और परिजनों को भरम में डालकर इस अस्पताल में ले आया और वह बोल रहा था कि यह अस्पताल बहुत बढ़िया है और यहां अच्छा इलाज किया जाता है। परिजनों ने बताया कि भर्ती के  दौरान  मरीज बातचीत कर रहा था।


पिता राम सकल यादव ने बताया कि मैंने जब अस्पताल में अपने बेटे को लाया था तब वह हम लोग से बातचीत कर रहा था लेकिन अस्पताल वालों ने बेटे के इलाज में कोताही बरत रहें थे ताकि हालत गंभीर होने पर अधिक दिन तक इलाज किया जा सके।

परिजनो को एंबुलेंस वालों ने बताया कि आपके बेटे की मौत हो चुकी है किसको इलाज के लिए ले जाए

मेरे बेटे को मृत होने के बावजूद भी पॉपुलर हॉस्पिटल वाराणसी के लिए जबरन रेफर किया जा रहा था


जी हां इस मामले को देखने और सुनने के बाद तो अक्षय कुमार की फिल्म गब्बर सिंह की पूरी दृश्य आंखों के सामने बेवजह सदृष्य हो रहे थे। सुबह इलाज के दौरान बेटा बोल रहा था और शाम को बताया गया कि हालत गंभीर है और इसे पॉपुलर हॉस्पिटल वाराणसी ले जाइए। जब हम लोगों ने अपने परिचय के एंबुलेंस को बुलाया तो उसने मरीज को देखते ही बताया कि मरीज का देहांत हो चुका है।

पिता ने बताया कि पहले मुझसे कबूलवाया गया कि मामले को सुलह समझौता कर लीजिए आप कोर्ट कचहरी नहीं कर पाएंगे और यह मामला बीसो साल तक चलेगा इससे दुखी होकर पिता लफड़े से बचने के लिए  अस्पताल के बार बार दबाव डालने पर पैसे लेकर मामले का वीडियो बनाया गया ताकि यह वीडियो कोर्ट में पेश कर सके।

अस्पताल में हो हंगामा होते देख पुलिस दिखी एक्शन में

जब मामला दो घंटे तक चलता रहा और मीडिया के पहुंचने के बाद परिजनों के पक्ष को सुन रहे थे तो इसी दौरान पुलिस भी एक्शन में दिखीं और तत्काल एफआईआर लिखने के लिए परिजनों को डांट डपटकर कहा गया और सभी को अस्पताल से बाहर कर दिया गया।

पैसे को लेकर भी खूब हुआ हंगामा

परिजनो ने बताया कि सुबह से लेकर शाम तक करीब पचास हजार रुपए हम लोगों से अस्पताल वालों ने ऐंठा कभी जांच के नाम पर तो कभी दवा के नाम पर कभी पर्ची के नाम पर इस तरह से सुबह से लेकर शाम तक के बीच में ही परिजनों से करीब पचास हजार वसूला जाता है। इस दौरान और भी पैसे की मांग कर रहे थे।परिजनों ने यह भी बताया कि दवा भी एक का चार मंगाया जा रहा था।मौके से एक पेटी पानी की बोतल खरीदवाया गया था और उसमे करीब एक दर्जन के आस पास पानी के बोतल बचे थे।जिससे पता चलता है कि परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद नहीं है।

मृतक के मोटरसाइकिल भी जबरन अस्पताल वालों ने रेहन पर रखा

जी हां एक तो बिना परिजनों को सूचना दिए मरीज की इलाज ददरा पहाड़ी के पास स्थित न्यू आयुष अस्पताल वालों द्वारा किया जा रहा था और बिना बताए उसे मंडलीय अस्पताल ले जाने की बजाए मरीज को पॉपुलर हॉस्पिटल ले जाया गया। 
इस दौरान इलाज के दौरान हुए दवा में खर्च रुपए की मांग करने लगे तत्काल पैसे न दे पाने पर अस्पताल वालों ने मृतक की मोटरसाइकिल भी अपने कब्जे में लिया। 

बेसहारा बाप राम सकल भैंस चराकर परिवार की जीविकोपार्जन करता है

मृतक के पिता राम सकल गांव में निहायत सीधा है तो बेटा का भी गांव में सज्जन व्यक्तियों में गिनती हुआ करता था। पिता राम सकल किसी तरह भैंस चराकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करता था।

दो वर्ष पूर्व में मोनू का हुआ था विवाह

दो वर्ष पूर्व ही राम सकल ने अपने बेटे की शादी किया था और परिवार हंसता खेलता था और इसी हंसी खुशी ने किस तरह करवट बदला की पूरा परिवार आज अस्पताल की सीढ़ियों पर रोता बिलखता हुआ मिला।

मां शीला ने रोते हुए बताया कि बेटा कुछ दिन में ही बिरहा से पैसा कमाकर मुझे अपना पहली कमाई देने वाला था

मोनू यादव बिरहा का अच्छा गायक था और उसे जगह जगह बिरहा गाने के लिए बुलाया जाता था यही नहीं उसने अपना बिरहा यू ट्यूब पर भी अपलोड करने लगा था और अपने माता से कहा कि मां अब हम अपने बिरहा पर सोसल मीडिया पर अपलोड कर रहा हूं कुछ दिनों बाद मुझे भी पैसा मिलने लगेगा तो पहली कमाई तुम्हे दूंगा।

नगर क्षेत्राधिकारी ने कहा कि मृतक ज़हर खाया हुआ था जिसका प्राथमिक उपचार घोरावल में किया जा रहा था लेकिन मृतक के इलाज के लिए इस अस्पताल लाया गया था जिसका इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है परिवार कार्यवाही कराना चाहती है और परिजन जो भी लिखकर देंगे उस पर जांच होकर कार्यवाही की जाएगा

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