
कुशीनगर : कलंकनी माँ ने नवजात शिशु को गन्ने की खेत में छोड़ भाग गयी अभागिन
देर शाम से सुबह तक खेत में चिखता बिलखता रहा नवजात शिशु का रक्षक बने दयानिधान
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पांच बेटियों की मां उर्मिला शीशु को पाकर अपने आंचल में ढक ली
ब्यूरो प्रमुख - प्रमोद रौनियार
कुशीनगर। कभी कभी इस घोर कलयुग में रूह खड़ा कर देने वाली घटनाएं सुनकर आत्मा बड़ी दुःखी होता हैं, इस लिए जब बिन व्याही कलंकनी बनी मां जन्मजात शिशु को जंगल झाड़ियों में निर्दयता पूर्वक छोड़कर चली जाती हैं उस घड़ी में कहा जाता हैं मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान, बाल ना बांका होता उसका, जिसका रक्षक दयानिधान।
जब शीशु जन्म से मां को इतना लोकलाज शर्म लगा है बजाय नाजायज संबंध बनाने में लोकलाज और शर्म होती तो आज कलंकनी मां तो अलग हैं माता पिता के लिए हमेशा हमेशा के लिए समाज में उलहना और अपमान से जीने की सजा भी दे दी। जिसने भी अपने कोख में नौ माह पालकर नवजात शिशु को जन्मा कर जिस प्रकार सजा दी है उस अभागिन बेशर्म क्रूर मां की कहानी सुनकर कलेजा दहल जा रहा हैं जिस अभागिन मां ने सुनसान निर्जन सरेह के एक गन्ने के खेत में छोड़ कर चली गयी जहा पर रात भर रोते बिलखते शिशु को जानवरों से ईश्वर रक्षा किये कहना लाजमी हैं। "श्रद्धा रखो जगत के लोगो, अपने दीनानाथ में,लाभ हानि जीवन और मृत्यु, सब कुछ उस के हाथ में" जो चरितार्थ होते हुए गांव के महिला पुरुष बच्चों ने देखा हैं।
अब जाने पडरौना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत अरनहवा ( जंगल टोला) मुख्य सड़क के उत्तर पप्पू गोंड के गन्ने के खेत में किसी ने निर्मम तरीके से बिना वस्त्र ढके नवजात शीशु को झाड़ी में मंगलवार की देर शाम को रखकर चला गया तब से शिशु के रोने बिलखने की आवाज आती रही लेकिन शिशु के पास भूत बैताल के शक भय में किसी ने जाने की हिम्मत नही दिखाया। आज बुधवार की सुबह शौच के लिए बाहर निकले तब गांव के दो चार बच्चे खेत के तरफ गए तो देखे यहा तो वेवस बच्चा रो रहा हैं। बच्चे को उठाकर कर गांव में ले गए।
तो गांव के मिश्री चौहान की 50 वर्षीय पत्नी पांच बेटियों की मां उर्मिला ने अपने आंचल में लेकर दुलार पुकार अटखेलिया करने लगी और शिशु को लालन पालन हेतु गोंद में लेकर आंचल से ढक ली। इसके बाद बच्चे की प्राथमिक स्वास्थ्य जाँच उपचार कराने पडरौना लेकर चली गयी,बच्चा बिल्कुल स्वस्थ जीवन में हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो शीशु का नाभी सुखा हुआ था इससे प्रतीत हो रहा हैं कि कही न कही एक सप्ताह के भीतर का जन्मा शीशु हैं। हो सकता हैं दोनों पक्षों में नाजायज संबंधों को लेकर गुत्थी सुलझाने में समय लगी होगी बात नही बनने पर शिशु को नाजायज औलाद की सजा मिली हैं।
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